गुरुवार, 19 जून 2025

महिला टी-20 विश्व कप का कार्यक्रम एक साल पहले घोषित:

 12 जून से शुरू होगा टूर्नामेंट; भारत का पहला मैच पाकिस्तान से होगा


अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने महिला टी-20 विश्व कप 2026 का कार्यक्रम एक साल पहले ही घोषित कर दिया है। बुधवार को घोषित कार्यक्रम के अनुसार, भारतीय टीम अपने अभियान की शुरुआत 14 जून को एजबेस्टन में पाकिस्तान के खिलाफ करेगी।

टूर्नामेंट का उद्घाटन मैच 12 जून को मेजबान इंग्लैंड और श्रीलंका के बीच इसी मैदान पर खेला जाएगा। टूर्नामेंट का फाइनल मैच 5 जुलाई को खेला जाएगा। इस टूर्नामेंट में 12 टीमें हिस्सा लेंगी और कुल 33 मैच खेले जाएंगे।


12 टीमों को दो ग्रुप में बांटा गया, भारत को ग्रुप-ए में रखा गया

टी-20 विश्व कप में हिस्सा लेने वाली 12 टीमों को दो ग्रुप में बांटा गया है। ग्रुप-ए में भारत, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका हैं। ग्रुप बी में इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, श्रीलंका और वेस्टइंडीज हैं। दोनों ग्रुप की बाकी दो टीमें ग्लोबल क्वालीफायर से आएंगी।

फाइनल 5 जुलाई को लॉर्ड्स में खेला जाएगा

प्रत्येक ग्रुप से शीर्ष दो टीमें सेमीफाइनल में पहुंचेंगी। दोनों सेमीफाइनल 30 जून और 2 जुलाई को द ओवल में खेले जाएंगे और फाइनल 5 जुलाई को लॉर्ड्स में खेला जाएगा। 24 दिनों तक चलने वाले इस टूर्नामेंट के मैच 7 मैदानों पर खेले जाएंगे। इनमें एजबेस्टन, हैम्पशायर बाउल, हेडिंग्ले, ओल्ड ट्रैफर्ड, द ओवल, ब्रिस्टल काउंटी ग्राउंड और लॉर्ड्स शामिल हैं।


इंग्लैंड की कप्तान नैटली साइवर-ब्रंट ने कहा- यह विश्व कप यादगार होगा

इंग्लैंड की कप्तान नैट साइवर-ब्रंट ने कहा, "विश्व कप हमेशा खास होता है, लेकिन यह कप अलग लगता है, इसमें वाकई खेल को बदलने की ताकत है। यह हमारे खेल के लिए एक बड़ा अवसर है और युवाओं को प्रेरित करने और पूरे देश से प्रशंसकों को आकर्षित करने का एक शानदार अवसर है।


दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम के खिलाफ घरेलू धरती पर सबसे बड़ी ट्रॉफी के लिए खेलना वाकई एक यादगार घटना होने जा रही है। मैं इसका हिस्सा बनकर बहुत उत्साहित हूं। यह टूर्नामेंट न केवल पूरे देश के प्रशंसकों को प्रसिद्ध क्रिकेटरों को लाइव देखने का मौका देगा, बल्कि यह महिलाओं और लड़कियों को क्रिकेट से जुड़ने के लिए प्रेरित करके स्थायी बदलाव भी लाएगा।"

शुष्क मौसम से बल्लेबाजों को मिलेगी मदद:

 पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मैच कल लीड्स में शुरू होगा, पिच सख्त और सपाट होगी


भारत का इंग्लैंड टेस्ट दौरा अब बेहद करीब है। पांच टेस्ट मैचों की इस सीरीज का पहला मैच शुक्रवार से खेला जाएगा। इस बार टेस्ट सीरीज की शुरुआत लीड्स के हेडिंग्ले मैदान पर हो रही है, जो आमतौर पर इंग्लैंड दौरे का तीसरा टेस्ट होता है। यहां का मौसम भी थोड़ा अलग है। फरवरी से यहां बारिश नहीं हुई है और मैदान पूरी तरह सूखा है। इस वजह से पिच को भी अलग तरीके से तैयार किया गया है।


3 दिन पहले तक पिच हरी दिख रही थी, लेकिन टेस्ट से पहले इसे अच्छी तरह से काटा और रोल किया जाएगा। पिच क्यूरेटर रिचर्ड रॉबिन्सन कहते हैं, 'हम चाहते हैं कि पिच अच्छी और संतुलित हो, ताकि बल्लेबाज शॉट खेल सकें।'


रॉबिन्सन के पास इस मैदान की कई यादें हैं। बचपन में उन्होंने यहां 1981 की मशहूर एशेज सीरीज देखी थी, जिसमें इंग्लैंड ने फॉलोऑन खेला था और लीड्स में तीसरा टेस्ट 18 रन से जीता था। अब रॉबिन्सन इस ऐतिहासिक मैदान पर दूसरे टेस्ट के लिए मैदान तैयार कर रहे हैं।


पिच नहीं टूटेगी, घरेलू टीम पहले गेंदबाजी करने की कोशिश करेगी


मौसम विभाग के मुताबिक, टेस्ट के दौरान तापमान 30 डिग्री तक पहुंच सकता है। हालांकि, इस गर्मी के बावजूद पिच के टूटने की संभावना नहीं है। पहले दिन कुछ स्विंग या सीम मूवमेंट जरूर हो सकती है, लेकिन उसके बाद पिच सपाट हो जाएगी।


ब्रेंडन मैकुलम के कोच बनने के बाद से इंग्लैंड ने 22 में से 16 बार टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया है, जिसमें से उसने 9 मैच जीते हैं। वहीं, 6 बार पहले बल्लेबाजी करने का फैसला करने वाली टीम सभी मैच हार गई है। ऐसे में पिच और मौसम को ध्यान में रखते हुए पहले गेंदबाजी करना फायदेमंद हो सकता है।


इंग्लैंड में लगातार स्विंग; भारत का यहां दुनिया में दूसरा सबसे खराब औसत है। 20 जून से भारत के लिए एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है। इस बार भारतीय टीम कुछ नई चुनौतियों और नए चेहरों के साथ मैदान पर उतरेगी, क्योंकि कोहली और रोहित जैसे अनुभवी खिलाड़ी अब इस टीम का हिस्सा नहीं हैं। नई कप्तानी की जिम्मेदारी युवा बल्लेबाज शुभमन गिल के कंधों पर है। बल्लेबाजी क्रम में उनके साथ यशस्वी, साई सुदर्शन, अभिमन्यु ईश्वरन, ध्रुव जुरेल और वाशिंगटन सुंदर जैसे युवा खिलाड़ी शामिल होंगे, जिनमें से ज्यादातर ने इंग्लैंड में टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला है। ऐसे में यहां की स्विंग गेंद इन युवाओं की तकनीक की असली परीक्षा लेगी। इंग्लैंड का मौसम, बादल छाए रहने वाला मौसम और ग्रीन आउटफील्ड स्विंग गेंदबाजी के लिए जानी जाती है। यहां की पिच सख्त होती है और गेंद नई हो या पुरानी, ​​पूरे मैच के दौरान हवा में घूमती रहती है। इंग्लैंड में 'ड्यूक बॉल' का इस्तेमाल होता है, जिसमें सीम ऊंची होती है और यह लंबे समय तक स्विंग करती है। वहीं, भारत जैसे देशों में रिवर्स स्विंग आम बात है, लेकिन इंग्लैंड की ठंडी और उमस भरी परिस्थितियों में यह दुर्लभ है। भारत ने 1932 से अब तक इंग्लैंड में 121 टेस्ट खेले हैं, जिसमें भारतीय शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों का औसत सिर्फ 30.31 रहा है। यह किसी भी देश में उनका दूसरा सबसे खराब रिकॉर्ड है। सबसे खराब औसत दक्षिण अफ्रीका (28.88) में है।


भारतीय टीम हेडिंग्ले में आखिरी मैच पारी से हारी थी

भारत ने हेडिंग्ले में आखिरी बार 2021 में टेस्ट खेला था, जिसमें उसे पारी और 36 रन से हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, उससे पहले भारत ने 2002 में खेले गए टेस्ट में इंग्लैंड को पारी और 46 रन से हराया था।


कोहली का 2018 का अनुभव भारतीय बल्लेबाजों के लिए सबक है

2014 में कोहली इंग्लैंड में पूरी तरह से विफल रहे थे। उन्होंने 5 टेस्ट में सिर्फ 13.40 का औसत बनाया था। लेकिन 2018 में उन्होंने वापसी की और दो शतक और तीन अर्धशतकों के साथ 593 रन बनाए। उन्होंने कहा, 'इंग्लैंड में आपको कभी ऐसा नहीं लगता कि आप तैयार हैं। यहां धैर्य सबसे महत्वपूर्ण चीज है। चाहे आप 30 रन पर हों या 100 रन पर - आपको हर गेंद पर एक जैसी सतर्कता दिखानी होगी।'

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