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गुरुवार, 19 जून 2025

'SENA देशों में टेस्ट सीरीज जीतना IPL से बड़ी बात':

 गिल ने कहा- मैंने कोहली-रोहित से सलाह ली; स्टोक्स ने कहा- कोहली, रोहित और अश्विन के बिना भारत कमजोर नहीं

 

भारत के नए टेस्ट कप्तान शुभमन गिल ने कहा है कि इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका यानी SENA देशों में टेस्ट सीरीज जीतना उनके लिए IPL खिताब से बड़ी बात है। 25 वर्षीय गिल ने कहा कि IPL तो हर साल आता है, लेकिन इंग्लैंड जैसी जगह पर टेस्ट सीरीज खेलने का मौका करियर में 2-3 बार ही मिलता है। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने कहा कि विराट कोहली, रोहित शर्मा और आर अश्विन के संन्यास के बाद भी भारतीय टीम कमजोर नहीं हुई है। टीम में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। दोनों कप्तान 20 जून से लीड्स के हेडिंग्ले क्रिकेट ग्राउंड पर शुरू हो रहे पहले टेस्ट की प्री-मैच कॉन्फ्रेंस में मीडिया से बात कर रहे थे। भारतीय कप्तान गिल की मुख्य बातें...


नई टीम बिना किसी बोझ के मैदान पर उतरेगी गिल ने कहा कि उनकी टीम में विराट कोहली, रोहित शर्मा और आर अश्विन जैसे अनुभवी खिलाड़ी नहीं हैं। इससे टीम को फायदा हो सकता है। हमारे खिलाड़ियों को यहां (इंग्लैंड में) खेलने का ज्यादा अनुभव नहीं है। ऐसे में हमारे खिलाड़ी कोई पुराना बोझ लेकर नहीं आ रहे हैं। उनकी टीम पिछले 5-10 सालों में सीनियर खिलाड़ियों द्वारा दिए गए भरोसे को अपनाएगी।

कोहली के रिटायरमेंट के बाद नंबर 4 पर करेंगे बल्लेबाजी गिल ने कहा कि विराट कोहली के टेस्ट से रिटायरमेंट के बाद उन्होंने और कोच गौतम गंभीर ने फैसला किया था कि वह नंबर 4 पर बल्लेबाजी करेंगे। गंभीर और मैं दोनों ही स्पष्ट थे कि मैं नंबर 4 पर खेलना चाहता हूं और वह भी यही चाहते थे।

खिलाड़ियों को मिलेगा आत्मविश्वास और लंबे मौके गिल ने कहा कि उनका लक्ष्य खिलाड़ियों के लिए सुरक्षित माहौल बनाना है ताकि वे खुलकर खेल सकें। हमें खिलाड़ियों को आत्मविश्वास देना होगा और उन्हें साफ तौर पर बताना होगा कि हम उनसे क्या चाहते हैं। कुछ खिलाड़ियों को उनकी प्रतिभा के आधार पर लंबे मौके भी मिलेंगे।

गिल ने कोहली और रोहित से सलाह लेते हुए कहा कि इंग्लैंड दौरे से पहले उन्होंने आईपीएल में विराट कोहली और रोहित शर्मा से बात की थी और यहां की परिस्थितियों के बारे में सलाह ली थी। उन्होंने कहा कि इस बार इंग्लैंड में गर्मियां थोड़ी शुष्क रही हैं, इसलिए पिच को देखने के बाद आखिरी समय में प्लेइंग-11 का फैसला किया जाएगा।


इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स की 3 बड़ी बातें... रोहित-कोहली और अश्विन के संन्यास पर स्टोक्स ने कहा, "नहीं विराट, नहीं रोहित और नहीं अश्विन, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि भारत के खिलाफ यह मैच पहले से आसान होगा। हमने आईपीएल में काफी समय बिताया है और हम जानते हैं कि भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है।" बुमराह की गेंदबाजी को लेकर स्टोक्स ने कहा कि इंग्लैंड के बल्लेबाजों के लिए जसप्रीत बुमराह का सामना करना काफी चुनौतीपूर्ण होगा। लेकिन उनकी टीम सिर्फ एक खिलाड़ी पर ध्यान केंद्रित नहीं करेगी। एक टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं। क्रिकेट में जीतने के लिए टीम को अच्छा खेलना होता है। बेथेल की जगह पोप के चयन के बारे में स्टोक्स ने कहा, "ऐसे खिलाड़ी को चुनना मुश्किल नहीं है जिसने पिछली पारी में 170 रन बनाए हों। जब से मैं कप्तान बना हूं, उसने नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते हुए 40 से ज्यादा की औसत से रन बनाए हैं।"




तेंदुलकर एंडरसन ट्रॉफी IND Vs ENG, पहला टेस्ट:

 दोनों टीमें WTC चक्र में अपना अभियान शुरू करेंगी, हेडिंग्ले में भारत का रिकॉर्ड खराब

भारत और इंग्लैंड के बीच 5 मैचों की टेस्ट सीरीज आज से शुरू होगी। पहला मैच भारतीय समयानुसार दोपहर 3:30 बजे से हेडिंग्ले के लीड्स स्टेडियम में खेला जाएगा। भारत ने यहां 7 मैच खेले हैं। इसमें 2 में उसे जीत और 4 में हार का सामना करना पड़ा है। जबकि 1 मैच ड्रॉ रहा है।

टीम ने आखिरी बार 2021 में टेस्ट खेला था, जिसमें उसे पारी और 76 रन से हार का सामना करना पड़ा था। पहले मैच के साथ ही भारत और इंग्लैंड विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के 2025-27 चक्र में अपने-अपने अभियान की शुरुआत करेंगे। भारत WTC के पहले दो फाइनल में उपविजेता रहा था। उसे 2021 में न्यूजीलैंड और 2023 में ऑस्ट्रेलिया ने हराया था। जबकि इंग्लैंड ने अभी तक एक भी फाइनल नहीं खेला है।

टीम इंडिया की अगुआई 25 वर्षीय युवा कप्तान शुभमन गिल करेंगे। जबकि इंग्लैंड की अगुआई 34 वर्षीय अनुभवी ऑलराउंडर बेन स्टोक्स कर रहे हैं।


मैच विवरण, पहला टेस्ट

IND Vs ENG

तारीख- 20-24 जून

स्टेडियम- हेडिंग्ले, लीड्स

​​​​​​​​​​समय: टॉस- दोपहर 3:00 बजे, मैच शुरू- दोपहर 3:30 बजे

टेस्ट में भारत पर इंग्लैंड का दबदबा

भारत ने 1932 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच खेलकर अपने क्रिकेट सफर की शुरुआत की थी। तब से लेकर अब तक दोनों टीमों के बीच कुल 136 टेस्ट मैच खेले जा चुके हैं। जिसमें इंग्लैंड ने 51 जीते, जबकि टीम इंडिया ने 35 मैच जीते। जबकि, 50 टेस्ट ड्रॉ रहे। भारत ने इंग्लैंड की धरती पर 67 टेस्ट खेले। सिर्फ 9 मैच जीते, लेकिन टीम ने यहां 22 टेस्ट ड्रॉ भी कराए हैं। इंग्लैंड ने 36 मैच जीते।


दोनों टीमों के बीच अब तक 36 टेस्ट सीरीज खेली गई हैं। इनमें से 19 इंग्लैंड ने और 12 टीम इंडिया ने जीती हैं। जबकि 5 ड्रॉ रहीं। 1932 से 2025 तक 94 सालों में टीम इंडिया ने इंग्लैंड में 19 टेस्ट सीरीज खेलीं। इनमें से 3 में भारत ने जीत दर्ज की, जबकि 2 ड्रॉ रहीं। जबकि, 14 में टीम को हार का सामना करना पड़ा। भारत ने आखिरी बार इंग्लैंड में 2007 में टेस्ट सीरीज जीती थी। यह सीरीज राहुल द्रविड़ की कप्तानी में जीती गई थी।

यशस्वी-पंत टॉप बैट्समैन

भारतीय टीम के ओपनर यशस्वी जायसवाल ने पिछले एक साल में भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाए हैं। उन्होंने 10 मैचों में 40.52 की औसत से 770 रन बनाए हैं। उनके बाद विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत का नाम है, जिन्होंने 10 मैचों में 677 रन बनाए हैं। पंत ने एक शतक और 4 अर्द्धशतक भी लगाए हैं। केएल राहुल और कप्तान शुभमन गिल पर फैन्स की नजर रहेगी।


इंग्लैंड दौरे के लिए चुनी गई टीम में भारतीय टीम के तेज गेंदबाजी आक्रमण की अगुआई जसप्रीत बुमराह करेंगे। उन्होंने पिछले 9 मैचों में 46 विकेट लिए हैं। इस दौरान उनकी इकॉनमी सिर्फ 2.84 की रही है। बुमराह के अलावा टीम में मोहम्मद सिराज, आकाशदीप, प्रसिद्ध कृष्णा और अर्शदीप सिंह के नाम हैं। स्पिनरों में कुलदीप यादव और रवींद्र जडेजा अहम साबित हो सकते हैं।


रूट-ब्रूक शानदार फॉर्म में

इंग्लैंड के अनुभवी बल्लेबाज जो रूट ने पिछले एक साल में टीम के लिए सबसे ज्यादा रन बनाए हैं। उन्होंने 13 मैचों में 1270 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 5 शतक और 4 अर्द्धशतक भी लगाए हैं। रूट के बाद हैरी ब्रूक का नाम है, जिन्होंने 12 मैचों में कुल 1100 रन बनाए हैं।


पिछले एक साल पर नजर डालें तो इंग्लिश टीम के लिए सबसे ज्यादा विकेट जेम्स एटकिंसन ने लिए हैं। हालांकि, उन्हें पहले टेस्ट की प्लेइंग-11 में शामिल नहीं किया गया था। उनके बाद स्पिनर शोएब बशीर का नाम आता है। बशीर ने 12 मैचों में 32 विकेट लिए हैं। क्रिस वोक्स भी इंग्लैंड की टीम में हैं। उनके नाम 9 मैचों में 32 विकेट हैं।


शुष्क मौसम से बल्लेबाजों को मिलेगी मदद:

 पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मैच कल लीड्स में शुरू होगा, पिच सख्त और सपाट होगी


भारत का इंग्लैंड टेस्ट दौरा अब बेहद करीब है। पांच टेस्ट मैचों की इस सीरीज का पहला मैच शुक्रवार से खेला जाएगा। इस बार टेस्ट सीरीज की शुरुआत लीड्स के हेडिंग्ले मैदान पर हो रही है, जो आमतौर पर इंग्लैंड दौरे का तीसरा टेस्ट होता है। यहां का मौसम भी थोड़ा अलग है। फरवरी से यहां बारिश नहीं हुई है और मैदान पूरी तरह सूखा है। इस वजह से पिच को भी अलग तरीके से तैयार किया गया है।


3 दिन पहले तक पिच हरी दिख रही थी, लेकिन टेस्ट से पहले इसे अच्छी तरह से काटा और रोल किया जाएगा। पिच क्यूरेटर रिचर्ड रॉबिन्सन कहते हैं, 'हम चाहते हैं कि पिच अच्छी और संतुलित हो, ताकि बल्लेबाज शॉट खेल सकें।'


रॉबिन्सन के पास इस मैदान की कई यादें हैं। बचपन में उन्होंने यहां 1981 की मशहूर एशेज सीरीज देखी थी, जिसमें इंग्लैंड ने फॉलोऑन खेला था और लीड्स में तीसरा टेस्ट 18 रन से जीता था। अब रॉबिन्सन इस ऐतिहासिक मैदान पर दूसरे टेस्ट के लिए मैदान तैयार कर रहे हैं।


पिच नहीं टूटेगी, घरेलू टीम पहले गेंदबाजी करने की कोशिश करेगी


मौसम विभाग के मुताबिक, टेस्ट के दौरान तापमान 30 डिग्री तक पहुंच सकता है। हालांकि, इस गर्मी के बावजूद पिच के टूटने की संभावना नहीं है। पहले दिन कुछ स्विंग या सीम मूवमेंट जरूर हो सकती है, लेकिन उसके बाद पिच सपाट हो जाएगी।


ब्रेंडन मैकुलम के कोच बनने के बाद से इंग्लैंड ने 22 में से 16 बार टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया है, जिसमें से उसने 9 मैच जीते हैं। वहीं, 6 बार पहले बल्लेबाजी करने का फैसला करने वाली टीम सभी मैच हार गई है। ऐसे में पिच और मौसम को ध्यान में रखते हुए पहले गेंदबाजी करना फायदेमंद हो सकता है।


इंग्लैंड में लगातार स्विंग; भारत का यहां दुनिया में दूसरा सबसे खराब औसत है। 20 जून से भारत के लिए एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है। इस बार भारतीय टीम कुछ नई चुनौतियों और नए चेहरों के साथ मैदान पर उतरेगी, क्योंकि कोहली और रोहित जैसे अनुभवी खिलाड़ी अब इस टीम का हिस्सा नहीं हैं। नई कप्तानी की जिम्मेदारी युवा बल्लेबाज शुभमन गिल के कंधों पर है। बल्लेबाजी क्रम में उनके साथ यशस्वी, साई सुदर्शन, अभिमन्यु ईश्वरन, ध्रुव जुरेल और वाशिंगटन सुंदर जैसे युवा खिलाड़ी शामिल होंगे, जिनमें से ज्यादातर ने इंग्लैंड में टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला है। ऐसे में यहां की स्विंग गेंद इन युवाओं की तकनीक की असली परीक्षा लेगी। इंग्लैंड का मौसम, बादल छाए रहने वाला मौसम और ग्रीन आउटफील्ड स्विंग गेंदबाजी के लिए जानी जाती है। यहां की पिच सख्त होती है और गेंद नई हो या पुरानी, ​​पूरे मैच के दौरान हवा में घूमती रहती है। इंग्लैंड में 'ड्यूक बॉल' का इस्तेमाल होता है, जिसमें सीम ऊंची होती है और यह लंबे समय तक स्विंग करती है। वहीं, भारत जैसे देशों में रिवर्स स्विंग आम बात है, लेकिन इंग्लैंड की ठंडी और उमस भरी परिस्थितियों में यह दुर्लभ है। भारत ने 1932 से अब तक इंग्लैंड में 121 टेस्ट खेले हैं, जिसमें भारतीय शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों का औसत सिर्फ 30.31 रहा है। यह किसी भी देश में उनका दूसरा सबसे खराब रिकॉर्ड है। सबसे खराब औसत दक्षिण अफ्रीका (28.88) में है।


भारतीय टीम हेडिंग्ले में आखिरी मैच पारी से हारी थी

भारत ने हेडिंग्ले में आखिरी बार 2021 में टेस्ट खेला था, जिसमें उसे पारी और 36 रन से हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, उससे पहले भारत ने 2002 में खेले गए टेस्ट में इंग्लैंड को पारी और 46 रन से हराया था।


कोहली का 2018 का अनुभव भारतीय बल्लेबाजों के लिए सबक है

2014 में कोहली इंग्लैंड में पूरी तरह से विफल रहे थे। उन्होंने 5 टेस्ट में सिर्फ 13.40 का औसत बनाया था। लेकिन 2018 में उन्होंने वापसी की और दो शतक और तीन अर्धशतकों के साथ 593 रन बनाए। उन्होंने कहा, 'इंग्लैंड में आपको कभी ऐसा नहीं लगता कि आप तैयार हैं। यहां धैर्य सबसे महत्वपूर्ण चीज है। चाहे आप 30 रन पर हों या 100 रन पर - आपको हर गेंद पर एक जैसी सतर्कता दिखानी होगी।'

18 साल से इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाया भारत:तेंदुलकर एंडरसन ट्रॉफी

 94 साल में सिर्फ 3 बार जीता; द्रविड़ ने दिलाई थी आखिरी सफलता


18 साल से इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाने वाली टीम इंडिया एक बार फिर जोर आजमाइश के लिए तैयार है। टीम इंग्लैंड में 5 टेस्ट मैचों की सीरीज खेलेगी। पहला मैच 20 जून से भारतीय समयानुसार दोपहर 3.30 बजे हेडिंग्ले के लीड्स स्टेडियम में शुरू होगा। टीम इंडिया 25 साल के युवा कप्तान शुभमन गिल की अगुआई में खेलेगी। वहीं, 34 साल के अनुभवी ऑलराउंडर बेन स्टोक्स इंग्लैंड की अगुआई कर रहे हैं। भारत ने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत 1932 में इंग्लैंड के लॉर्ड्स स्टेडियम से की थी, लेकिन टीम 94 साल में यहां सिर्फ 3 टेस्ट सीरीज ही जीत सकी।

कहानी में इंग्लैंड में भारत का टेस्ट प्रदर्शन...

टीम इंडिया ने पहला टेस्ट 158 रन से हारा

भारत ने 1932 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच खेलकर अपने क्रिकेट सफर की शुरुआत की थी। इस मैच में कर्नल सीके नायडू ने भारत की अगुआई की थी, हालांकि लॉर्ड्स स्टेडियम में खेले गए चार दिवसीय मैच में टीम 158 रन से हार गई थी।

भारत ने 94 साल में 14 सीरीज हारी

1932 से 2025 तक के 94 सालों में टीम इंडिया ने इंग्लैंड में 19 टेस्ट सीरीज खेली, जिसमें भारत ने 3 में जीत दर्ज की, जबकि 2 ड्रॉ रहीं। 14 में टीम को हार का सामना करना पड़ा। इंग्लैंड की परिस्थितियों में भारत इंग्लैंड के खिलाफ सिर्फ 13% टेस्ट ही जीत पाया है।

1971 में जीती थी पहली सीरीज

भारत को इंग्लैंड में अपनी पहली टेस्ट सीरीज जीतने में 39 साल लग गए। 1971 में अजीत वाडेकर की कप्तानी में टीम इंडिया ने 3 टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले दो मैच ड्रॉ कराए, लेकिन आखिरी मैच जीतकर सीरीज 1-0 से अपने नाम की। इंग्लैंड में अपनी पहली सीरीज जीतने से पहले भारत को 6 सीरीज हारनी पड़ी थी।

आखिरी सीरीज 18 साल पहले जीती

1971 के बाद भारत ने इंग्लैंड में लगातार 3 सीरीज हारी, फिर कपिल देव की कप्तानी में 3 टेस्ट सीरीज 2-0 से जीती। इसके बाद 2002 में सौरव गांगुली की कप्तानी में भारत ने 4 मैचों की सीरीज 1-1 से ड्रॉ कराई। फिर 2007 में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में एक और सीरीज जीती।

18 साल में 4 टेस्ट जीते, एक भी सीरीज नहीं

2007 में जीत के बाद एमएस धोनी की कप्तानी में भारत को लगातार 2 सीरीज हारनी पड़ी। 2018 में विराट कोहली की कप्तानी में भी टीम हारी, लेकिन 2021 में खुद कोहली ने 5 टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-1 की बढ़त दिलाई। सीरीज का आखिरी मैच कोरोना महामारी के कारण अगले साल खेला गया, लेकिन तब तक कोहली कप्तानी छोड़ चुके थे। भारत ने जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में आखिरी टेस्ट खेला, लेकिन टीम हार गई और सीरीज 2-2 से ड्रॉ हो गई।

कप्तान कोहली ने जीते सबसे ज्यादा टेस्ट

इंग्लैंड में भारत के लिए सबसे ज्यादा टेस्ट मैच जीतने वाले कप्तानों की लिस्ट में विराट कोहली सबसे ऊपर हैं, जिसमें उन्होंने 3 जीते हैं। उनके बाद कपिल देव ने 2 मैच जीते हैं, जबकि 4 अलग-अलग कप्तानों ने 1-1 मैच जीते हैं। भारत ने इंग्लैंड में सिर्फ 9 मैच जीते हैं, लेकिन टीम ने यहां 22 टेस्ट ड्रॉ भी किए हैं।

तेंदुलकर इंग्लैंड में भारत के सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं

सचिन तेंदुलकर ने इंग्लैंड में भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाए। उन्होंने 17 मैचों में 4 शतक और 8 अर्धशतक की मदद से 1575 रन बनाए। गेंदबाजों में तेज गेंदबाज इशांत शर्मा सबसे ऊपर रहे, जिन्होंने महज 15 मैचों में 51 विकेट चटकाए, हालांकि सचिन ने 12 साल पहले संन्यास ले लिया था, तब इशांत को टीम में जगह नहीं मिली थी।

जडेजा मौजूदा टीम में शीर्ष खिलाड़ी हैं

भारत ने इंग्लैंड में बेहद युवा टीम भेजी है। रवि अश्विन, रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे सीनियर खिलाड़ी संन्यास ले चुके हैं। 36 वर्षीय रवींद्र जडेजा सबसे अनुभवी हैं, उन्होंने इंग्लैंड में मौजूदा टीम में सबसे ज्यादा रन (642) बनाए हैं। उन्होंने यहां 27 विकेट भी लिए हैं।

जडेजा के अलावा मौजूदा टीम की ओर से केएल राहुल और ऋषभ पंत ने इंग्लैंड में 2-2 शतक लगाए हैं। जसप्रीत बुमराह के नाम सबसे ज्यादा विकेट (31) हैं, हालांकि उनके लिए सभी मैच खेलना मुश्किल है। वे सिर्फ 3 टेस्ट ही खेलेंगे।


मंगलवार, 17 जून 2025

बुमराह ने कहा- कप्तान न बनना मेरा फैसला था:

 इंग्लैंड में सभी 5 टेस्ट नहीं खेल सकते, कार्यभार प्रबंधन के कारण नेतृत्व की भूमिका नहीं चुनी


तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने कहा है कि उन्होंने खुद कप्तानी स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। इतना ही नहीं बुमराह ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के लिए खुद को उपलब्ध बताया। 31 वर्षीय तेज गेंदबाज ने स्काई स्पोर्ट्स पर दिनेश कार्तिक से बात की।


कप्तानी के सवाल पर बुमराह ने कहा- 'मैंने बीसीसीआई और चयनकर्ताओं को कप्तानी के लिए मना कर दिया था। कोई फैंसी स्टोरी नहीं है, कोई विवाद नहीं है या कोई हेडलाइन स्टेटमेंट नहीं है कि मुझे हटा दिया गया है या मुझ पर ध्यान नहीं दिया गया।' रोहित शर्मा के रिटायरमेंट के बाद कई पूर्व क्रिकेटरों ने बुमराह को कप्तान बनाए जाने का समर्थन किया था।


भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे पर है। टीम को वहां 5 टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है। पहला मैच 20 जून से लीड्स में खेला जाएगा।


मैंने बोर्ड से कहा था कि मुझे कप्तान न बनाएं: बुमराह

बुमराह ने कहा, मैंने रोहित और कोहली के रिटायर होने से पहले बोर्ड से बात की थी। मैंने उन्हें अपने कार्यभार के बारे में बताया। पीठ दर्द के उपचार के बाद मैंने सर्जन से भी बात की। कार्यभार अधिक था, इसलिए हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि मुझे थोड़ा होशियार होना होगा। फिर मैंने बोर्ड से कहा, 'मैं नेता के रूप में नहीं देखा जाना चाहता।'


इंग्लैंड के खिलाफ पहला टेस्ट खेलेंगे बुमराह

बुमराह ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के लिए खुद को उपलब्ध बताया। अपनी फिटनेस के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं कम से कम तीन मैच खेलना चाहता हूं। फिलहाल यही योजना है। अभी कोई संख्या तय नहीं हुई है, लेकिन मैं पहले मैच के लिए तैयार हूं। हमें देखना होगा कि स्थिति कैसे आगे बढ़ती है।'

शुक्रवार, 13 जून 2025

हेड कोच गंभीर अचानक इंग्लैंड से भारत लौटे:

 पारिवारिक इमरजेंसी बताई वजह; भारत और इंग्लैंड के बीच 20 जून से लीड्स में खेला जाएगा पहला टेस्ट

भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर इंग्लैंड से भारत लौट आए हैं। एएनआई के मुताबिक, गंभीर पारिवारिक इमरजेंसी के चलते इंग्लैंड से भारत लौटे हैं।


भारतीय टीम इस समय इंग्लैंड के दौरे पर है। टीम को वहां पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है। गंभीर 6 जून को बाकी टीम के साथ इंग्लैंड के लिए रवाना हुए थे।


पहला टेस्ट 20 जून को लीड्स में खेला जाएगा

भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैच खेले जाएंगे। पहला टेस्ट 20 जून से लीड्स में शुरू होगा, जबकि आखिरी टेस्ट 31 जुलाई से लंदन के ओवल में खेला जाएगा। भारत ने 2007 के बाद से इंग्लैंड में कोई टेस्ट सीरीज नहीं जीती है। ऐसे में टीम की नजर सीरीज जीतने पर होगी।


टीम इंडिया और इंडिया-ए के बीच आज से इंट्रा-स्क्वाड मैच

टेस्ट सीरीज शुरू होने से पहले सीनियर टीम आज से बेकेनहैम के केंट काउंटी क्रिकेट ग्राउंड पर इंडिया-ए के साथ चार दिवसीय इंट्रा-स्क्वाड मैच खेलेगी। मैच दोपहर 3 बजे शुरू होगा। यह मैच इंडिया-ए की इंग्लैंड लायंस के खिलाफ दो मैचों की अनऑफिशियल टेस्ट सीरीज के बाद होगा। दोनों मैच ड्रॉ रहे।


इंग्लैंड दौरे के लिए 18 खिलाड़ियों वाली भारतीय टीम

शुभमन गिल (कप्तान), यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, साई सुदर्शन, अभिमन्यु ईश्वरन, करुण नायर, ऋषभ पंत (उप-कप्तान), ध्रुव जुरेल, नितीश रेड्डी, शार्दुल ठाकुर, रवींद्र जडेजा, वाशिंगटन सुंदर, जसप्रीत बुमराह, प्रसिद्ध कृष्णा, मोहम्मद सिराज, आकाशदीप, अर्शदीप सिंह, कुलदीप यादव।


नई ट्रॉफी की घोषणा

इस बार भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के विजेता को नई ट्रॉफी दी जाएगी, जिसका नाम सचिन तेंदुलकर और जेम्स एंडरसन के नाम पर रखा जाएगा। यह दोनों महान खिलाड़ियों के सम्मान में एक नई पहल है। तेंदुलकर और एंडरसन दोनों 11 जून से शुरू होने वाले डब्ल्यूटीसी फाइनल के दौरान लॉर्ड्स में ट्रॉफी का अनावरण करेंगे।


शुक्रवार, 6 जून 2025

टीम इंडिया इंग्लैंड के लिए रवाना:

 दोनों टीमें खेलेंगी 5 मैचों की टेस्ट सीरीज; पहला मैच 20 जून से खेला जाएगा


भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड के लिए रवाना हो गई है। टीम 20 जून से इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलेगी। इस सीरीज से दोनों टीमों के लिए ICC वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025-27 चक्र की शुरुआत होगी।

टीम के कुछ खिलाड़ी और हेड कोच गौतम गंभीर 6 जून को मुंबई एयरपोर्ट से इंग्लैंड के लिए रवाना हुए। 25 वर्षीय शुभमन गिल को इस दौरे के लिए भारतीय टेस्ट टीम का कप्तान नियुक्त किया गया है। विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत को उप-कप्तान बनाया गया है। रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद यह टीम का पहला दौरा होगा।

ऋषभ पंत को इस दौरे के लिए भारतीय टेस्ट टीम का उप-कप्तान नियुक्त किया गया है।

पहला टेस्ट 20 जून को लीड्स में खेला जाएगा

भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैच खेले जाएंगे। पहला टेस्ट 20 जून से लीड्स में शुरू होगा, जबकि आखिरी टेस्ट 31 जुलाई से लंदन के ओवल में खेला जाएगा। भारत ने 2007 के बाद से इंग्लैंड में कोई टेस्ट सीरीज नहीं जीती है। ऐसे में टीम की नजर सीरीज जीतने पर होगी।

नई ट्रॉफी का ऐलान

इस बार भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के विजेता को नई ट्रॉफी दी जाएगी, जिसका नाम सचिन तेंदुलकर और जेम्स एंडरसन के नाम पर होगा। इन दोनों दिग्गज खिलाड़ियों के सम्मान में यह एक नई पहल है। तेंदुलकर और एंडरसन दोनों 11 जून से शुरू होने वाले डब्ल्यूटीसी फाइनल के दौरान लॉर्ड्स में ट्रॉफी का अनावरण करेंगे।

दूसरा अनऑफिशियल टेस्ट आज से

भारत-ए को इंग्लैंड में तीन मैच खेलने हैं। इनमें से दो मैच इंग्लैंड लायंस के खिलाफ होंगे, जबकि तीसरा मैच भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाफ खेला जाएगा। इंग्लैंड लायंस और भारत-ए के बीच पहला मैच ड्रॉ रहा था। दूसरा मैच आज से 9 जून तक खेला जाएगा। जबकि भारतीय सीनियर टीम के साथ मैच 13 से 16 जून तक खेला जाएगा।

इंग्लैंड Vs भारत – 5 टेस्ट मैचों का शेड्यूल
मैतारीखवेन्यू
पहला टेस्ट     20 से 24 जून एडबैस्टन
दूसरा टेस्ट            2 से 6 जुलाई लॉर्ड्स
तीसरा टेस्ट    10 से 14 जुलाई   ट्रेंट ब्रिज
चौथा टेस्ट     23 से 27 जुलाई  हेडिंग्ले
पाँचवां टेस्ट     31 जुलाई से 4 अगस्त   ओवल

इंग्लैंड दौरे के लिए 18 सदस्यीय भारतीय टीम

बल्लेबाज़
शुभमन गिल (उपकप्तान), यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, साई सुदर्शन, अभिमन्यु ईश्वरन, करुण नायर

विकेटकीपर-बल्लेबाज़
ऋषभ पंत (वाइस-कप्तान), ध्रुव जोरेल

पेस बॉलिंग ऑलराउंडर
नीतीश रेड्डी, शाहबाज अहमद

स्पिन बॉलिंग ऑलराउंडर
रविंद्र जडेजा, वॉशिंगटन सुंदर

फास्ट बॉलर
जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा, आकाश दीप, अर्शदीप सिंह

स्पेशलिस्ट स्पिनर
कुलदीप यादव


मंगलवार, 28 जनवरी 2025

आदिल रशीद का डिफेंडिंग स्पेल, इंग्लैंड ने सीरीज को बनाए रखा

 

28 जनवरी 2025 मंगलवार को, राजकोट के निरंजन शाह स्टेडियम में भारत बनाम इंग्लैंड के बीच तीसरा टी20 मैच खेला गया। आदिल के डिफेंसिव स्पेल की बदौलत इंग्लैंड ने भारत को 26 रनों से हराया और 5 टी20 मैचों की सीरीज को 2-1 से बरकरार रखा। चौथा टी20 पुणे में होने वाला है।


आदिल रशीद का मिडिल ओवर स्पेल

भारत ने सात ओवर में 3 विकेट पर 62 रन बनाए, इससे पहले रशीद ने भी मैदान में कदम रखा। उन्होंने तिलक के ऑफ-स्टंप के बाहर एक गेंद डाली, जिसमें पांच गेंदें बिना किसी घटना के चलीं। गेंद बेहतरीन लेंथ पर गिरी और मिडिल स्टंप को छूती हुई चली गई, जिससे बल्लेबाज मैदान से बाहर और हवा में उछल गया, जबकि वह इसे हटाने की तैयारी कर रहा था।


मैच सारांश

इंग्लैंड की पारी:

इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और 9 विकेट पर 171 रन बनाए। 28 गेंदों पर 51 रन बनाकर बेन डकेट सबसे प्रभावशाली खिलाड़ी रहे, उसके बाद लियाम लिविंगस्टोन ने 43 रन बनाए। हालांकि, भारत के वरुण चक्रवर्ती ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 24 रन देकर पांच विकेट लिए, जिससे इंग्लैंड की बल्लेबाजी बुरी तरह चरमरा गई।


भारत का लक्ष्य:

भारत को इंग्लैंड के सुव्यवस्थित गेंदबाजी आक्रमण का सामना करना मुश्किल लगा। भारत की गति को ज्यादातर आदिल राशिद के किफायती सत्र ने रोका, जिसमें उन्होंने अपने चार ओवरों में केवल 15 रन दिए और तिलक वर्मा का महत्वपूर्ण विकेट लिया। तीन विकेट लेकर जेमी ओवरटन ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। हार्दिक पांड्या के 40 रन के प्रदर्शन के बावजूद भारत ने 9 विकेट पर 145 रन बनाकर अपनी पारी समाप्त की।


इंग्लैंड की जीत

3 टी20I मैच जीतने के बाद इंग्लैंड को जिंदा रहने और इस सीरीज को दिलचस्प बनाए रखने में मदद मिली। भारत सीरीज में 2-1 से आगे है, जबकि दो मैच बाकी हैं।

भारत बनाम इंग्लैंड चौथा टी20 मैच: संभावित प्लेइंग11 और ड्रीम11 प्रेडिक्शन टीम

 

भारत और इंग्लैंड के बीच चौथा टी20 मैच पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में खेला जाएगा। इस मैच में दोनों टीमों के कई खिलाड़ियों का भविष्य तय होगा कि उन्हें भविष्य में टीम में रखा जाएगा या नहीं।


भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ दूसरा टी20 मैच 2 विकेट से जीत लिया। यह मैच कोलकाता के ईडन गार्डन्स स्टेडियम में खेला गया। इंग्लैंड की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 165 रन बनाए। भारत ने यह लक्ष्य 19.2 ओवर में हासिल कर लिया।


भारत बनाम इंग्लैंड चौथा टी20 मैच विवरण

मैच विवरण            जानकारी

तारीख                    31 जनवरी, 2025

जगह                      महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम, पुणे।

समय                      टॉस: शाम 6:30 बजे, मैच शुरू: शाम 7:00 बजे

IND vs ENG पिच रिपोर्ट

पुणे स्थित महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम अपनी स्पिन-फ्रेंडली परिस्थितियों के लिए प्रसिद्ध है, जो गेंदबाजों को काफी टर्न प्रदान करता है। स्पिनरों को सहायता मिलने की संभावना है, जिससे यह भारत के उन दुर्लभ स्थानों में से एक बन गया है जहाँ गेंदबाजों का अक्सर बल्लेबाजों पर दबदबा रहता है।


IND vs ENG मौसम रिपोर्ट

शाम को आसमान साफ ​​रहेगा और तापमान 18 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा। बारिश का कोई पूर्वानुमान नहीं है, जिससे खेल में कोई बाधा नहीं आएगी।


भारत बनाम इंग्लैंड तीसरे टी20 मैच के लिए संभावित प्लेइंग-11

भारत की टीम: सूर्यकुमार यादव (कप्तान), संजू सैमसन (विकेट कीपर), अभिषेक शर्मा, तिलक वर्मा, हार्दिक पांड्या, रिंकू सिंह, नितीश कुमार रेड्डी, अक्षर पटेल (उपकप्तान), हर्षित राणा, अर्शदीप सिंह, मोहम्मद शमी, वरुण चक्रवर्ती, रवि बिश्नोई, वाशिंगटन सुंदर, ध्रुव जुरेल (विकेट कीपर)।


इंग्लैंड टीम: जोस बटलर (कप्तान), रेहान अहमद, जोफ्रा आर्चर, गस एटकिंसन, जैकब बेथेल, हैरी ब्रुक, ब्रायडन कार्से, बेन डकेट, जेमी ओवरटन, जेमी स्मिथ, लियाम लिविंगस्टोन, आदिल राशिद, साकिब महमूद, फिल साल्ट, मार्क वुड

मंगलवार, 21 जनवरी 2025

भारत बनाम इंग्लैंड T20I सीरीज: मैच पूर्वावलोकन

 

भारत और इंग्लैंड के बीच बहुप्रतीक्षित पांच मैचों की T20 अंतर्राष्ट्रीय (T20I) सीरीज 22 जनवरी, 2025 को कोलकाता के ईडन गार्डन में शुरू होने वाली है। ICC T20 विश्व कप 2026 के लिए दोनों देशों की योजनाएँ इस श्रृंखला के साथ शुरू होती हैं, और भारत पाकिस्तान में अगली ICC चैंपियंस ट्रॉफी भी देख रहा है। हाल ही में ICC विश्व कप 2024 चैंपियन जीतने वाली दुनिया की शीर्ष टीम भारत और दूसरी टीम इंग्लैंड के बीच रोमांचक मैचों के लिए तैयार हो जाइए, जो T20 प्रारूप में सर्वश्रेष्ठ हैं। यह श्रृंखला अधिक मनोरंजक और रोमांचकारी होगी।

मैच पूर्वावलोकन

भारत की रणनीति

भारत, मौजूदा T20 विश्व कप चैंपियन, अगस्त 2023 से द्विपक्षीय T20 श्रृंखलाओं में अपराजित रहते हुए बहुत अच्छा खेल रहा है। टीम कप्तान सूर्यकुमार यादव के नेतृत्व में मौजूदा रुझान को बनाए रखना चाहती है। अक्षर पटेल जिन्हें हाल ही में इस श्रृंखला में उप कप्तान नियुक्त किया गया था। उनकी नई भूमिका उन पर नई ज़िम्मेदारी लाएगी।

इस रणनीति का उद्देश्य विशिष्ट परिस्थितियों और मैचअप के संबंध में प्रदर्शन को अधिकतम करना है।

इंग्लैंड की चुनौती

ब्रेंडन मैकुलम सीरीज में इंग्लैंड के नए दोहरे प्रारूप के कोच हैं, और उनका लक्ष्य क्रिकेट की एक आक्रामक और मनोरंजक शैली विकसित करना है। जोस बटलर की कप्तानी वाली टीम में अनुभव के साथ नई क्षमता का मिश्रण है, खासकर विकेटकीपर जेमी स्मिथ और प्रतिभाशाली ऑलराउंडर जैकब बेथेल। हालांकि, बटलर इस दौरे पर केवल बल्लेबाज के रूप में खेलेंगे।


हेड टू हेड

कुल मैच: 24

भारत जीता: 13

इंग्लैंड जीता: 11

कोई परिणाम नहीं: 00

टाई: 00


भारत बनाम इंग्लैंड पांच मैचों की श्रृंखला निर्धारित:

मैच                        तारीख                      स्थल                         शहर

पहला टी20           22 जनवरी, 2025       ईडन गार्डन                         कोलकाता

दूसरा टी20           25 जनवरी, 2025       एमए चिदंबरम स्टेडियम      चेन्नई

तीसरा टी20          28 जनवरी, 2025       एससीए स्टेडियम                राजकोट

चौथा टी20            31 जनवरी, 2025       एमसीए स्टेडियम                 पुणे

पांचवां टी20         2 फरवरी, 2025           वानखेड़े स्टेडियम               मुंबई


इंग्लैंड टी20आई के लिए भारतीय टीम शृंखला

सूर्यकुमार यादव (कप्तान), अक्षर पटेल (उप-कप्तान), संजू सैमसन (विकेटकीपर), अभिषेक शर्मा, तिलक वर्मा, हार्दिक पंड्या, रिंकू सिंह, नीतीश कुमार रेड्डी, हर्षित राणा, अर्शदीप सिंह, मोहम्मद शमी, वरुण चक्रवर्ती, रवि बिश्नोई, वाशिंगटन सुंदर और ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर)

शुक्रवार, 6 दिसंबर 2024

वेलिंगटन में इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड को कड़ी टक्कर दी

 

बेन डकेट और जैकब बेथेल ने 90 रन बनाए और मनोरंजक साझेदारी की, जबकि जो रूट ने अपना 65वां टेस्ट अर्धशतक बनाया और दूसरे दिन वेलिंगटन में इंग्लैंड को बढ़त दिलाई। गस एटकिंसन ने हैट्रिक के साथ न्यूजीलैंड को शुरुआत में ही हिला दिया, लेकिन उसके बाद बल्लेबाजों ने मेजबान टीम को रनों के पहाड़ के नीचे दबा दिया। स्टंप्स के समय इंग्लैंड ने 533 रनों की विशाल बढ़त हासिल कर ली थी।


न्यूजीलैंड ने दिन की शुरुआत 86/5 के स्कोर से की और 10 ओवर से भी कम समय तक खेली और फिर 125 रन पर ढेर हो गई। ब्रायडन कार्स ने सुबह का पहला विकेट एक बेहतरीन गेंद पर लिया और टॉम ब्लंडेल को बोल्ड कर दिया। यह गेंद पहले दिन केन विलियमसन को फेंकी गई गेंद के समान थी, हालांकि उस बार ओवरस्टेपिंग की वजह से आउट नहीं हो पाए। हालांकि ब्लंडेल को ऐसी किस्मत नहीं मिली। उसी ओवर में, कार्से ने नाइटवॉटमैच विलियम ओ'रूर्के को एक फुल और तेज गेंद फेंकी, जिससे वह 26 गेंदों में शून्य पर आउट हो गए। ग्लेन फिलिप्स और नाथन स्मिथ ने अपनी बल्लेबाजी से टीम को 100 रन के पार पहुंचाया, लेकिन एटकिंसन ने पारी का अंत कर दिया। स्मिथ ने एक गेंद को स्टंप पर अंदर की ओर उछाला; मैट हेनरी ने पहले शॉर्ट बॉल से बचने की कोशिश की और असफल रहे और गेंद गली में डकेट के पास पहुंच गई; एक फुल, स्किडी डिलीवरी साउथी के फ्रंट पैड पर लगी, जिससे वह क्रीज पर ही फंस गए। अनुभवी एटकिंसन हैट्रिक में तीसरे आउट हुए। इंग्लैंड ने पहली पारी में 155 रन की बढ़त के साथ दूसरा डिग शुरू किया। जैक क्रॉली ने लगातार दो चौके जड़े, लेकिन हेनरी ने उन्हें दूसरे ओवर में ही मिड-विकेट पर कैच करा दिया - इस सीरीज में चौथी बार आउट हुए। यहां से बेथेल और डकेट के बीच दूसरे विकेट के लिए गठबंधन शुरू हुआ, जिसका न्यूजीलैंड के मनोबल पर बहुत बुरा असर पड़ा। उन्होंने शानदार शुरुआत की और एक दूसरे की बराबरी करते हुए अपनी इच्छानुसार चौके और छक्के लगाए। डकेट को तब जीवनदान मिला जब टॉम लैथम ने लेग साइड में एक मुश्किल मौका छोड़ा। साउथी ने बेथेल के खिलाफ एलबीडब्ल्यू अपील पर रिव्यू गंवा दिया।


दोनों ने शानदार अर्धशतक लगाए और अपने-अपने शतक की ओर बढ़ रहे थे, तभी साउथी ने दोनों को आउट कर दिया। तेज गेंदबाज ने बेथेल को लैथम के पास भेजा और डकेट ने एक गेंद को स्टंप पर खेला। विकेट और चाय का ब्रेक न्यूजीलैंड को खेल में उतनी राहत नहीं दे पाया, जितनी उसे अंतिम सत्र में मिलनी चाहिए थी, क्योंकि रूट और ब्रूक ने मिलकर घरेलू टीम की मुश्किलें बढ़ाईं। एक और साझेदारी हुई, जिससे इंग्लैंड की बढ़त 400 के पार पहुंच गई। न्यूजीलैंड के पास कोई आइडिया नहीं था और रूट को कैच आउट करने की कोशिश में उसने एक और रिव्यू गंवा दिया।


ब्रूक एक बार फिर खुलकर खेल रहे थे, उन्होंने शॉर्ट बॉल को पुल किया और ओवरपिच गेंदों को कवर के ज़रिए खेला। ग्लेन फिलिप्स लंबे स्पैल के लिए आए, जिस दौरान उन्होंने पहली पारी के शतकवीर को आउट किया, क्योंकि ब्रूक ने अपनी लॉफ्ट को गलत तरीके से मारा और लॉन्ग-ऑफ पर ओ'रूर्के को सीधे हिट किया। कुछ ही समय बाद, रूट ने अपना 65वां टेस्ट अर्धशतक बनाया - जो उनका 100वां 50-प्लस टोटल भी था (राहुल द्रविड़ से एक ज़्यादा)। जब हेनरी ने ओली पोप को आउट किया, तब इंग्लैंड 500 की बढ़त के करीब था। लेकिन बेन स्टोक्स के दिमाग में घोषणा नहीं थी। इसके बजाय उन्होंने स्टंप तक 26 गेंदों पर नाबाद 36 रन बनाकर न्यूजीलैंड को और निराश किया। रूट ने 73* रन बनाकर पारी समाप्त की, जिससे उन्होंने तीसरे दिन अपना 36वां टेस्ट शतक बनाया।


संक्षिप्त स्कोर: इंग्लैंड 280 और 378/5 (जैकब बेथेल 96, बेन डकेट 92, जो रूट 73*, हैरी ब्रूक 55; टिम साउथी 2-72, मैट हेनरी 2-76) ने न्यूजीलैंड 125 (केन विलियमसन 37; गस एटकिंसन 4-31, ब्रायडन कार्स 4-46) पर 533 रन की बढ़त बनाई

रविवार, 10 नवंबर 2024

बटलर ने इंग्लैंड को 2-0 की बढ़त दिलाई

 

जोस बटलर की धमाकेदार पारी की बदौलत इंग्लैंड ने दूसरे टी20 मैच में वेस्टइंडीज को 2-0 की बढ़त दिलाई और ब्रिजटाउन, बारबाडोस के केंसिंग्टन ओवल में सात विकेट से जीत दर्ज की। अनुशासित गेंदबाजी के दम पर इंग्लैंड ने वेस्टइंडीज को 158/8 पर रोक दिया, जिसके बाद बटलर ने 45 गेंदों में 83 रन की पारी खेली, जिसमें 8 चौके और 6 छक्के शामिल थे। इस तरह से इंग्लैंड ने 14.5 ओवर में लक्ष्य हासिल कर लिया।


इंग्लैंड को लक्ष्य का पीछा करते हुए शुरुआती झटका लगा, क्योंकि पहले मैच में शतक जड़ने वाले फिल साल्ट पहली गेंद पर शून्य पर आउट हो गए। लेकिन बटलर और विल जैक्स ने इंग्लैंड के लिए अच्छा पावरप्ले सुनिश्चित किया, जिसमें दोनों बल्लेबाजों ने नियमित बाउंड्री और दो छक्के लगाए। छठा ओवर इंग्लैंड के लिए खास रहा, जिसमें जैक्स ने एक चौका और बटलर ने रोमारियो शेफर्ड की गेंद पर दो चौके और एक छक्का लगाकर ओवर में 21 रन बनाए।


क्षेत्ररक्षण प्रतिबंध हटने के बाद भी वेस्टइंडीज रन प्रवाह को रोक नहीं सका क्योंकि बटलर ने छक्के लगाए और रोस्टन चेस की गेंद पर छक्का लगाकर 32 गेंदों में अर्धशतक भी बनाया, जिससे इंग्लैंड को आधे समय में 94/1 का स्कोर बनाने में मदद मिली। बटलर और जैक्स दोनों 30 के दशक में बल्लेबाजी कर रहे थे जब आठवां ओवर पूरा हुआ, लेकिन अगले चार ओवरों में इंग्लैंड के कप्तान 80 के दशक में पहुंच गए थे। वेस्टइंडीज को आखिरकार कुछ राहत मिली क्योंकि शेफर्ड ने एक ही ओवर में जैक्स (38) और बटलर दोनों के विकेट चटकाए और 129 रनों की विशाल साझेदारी का अंत किया। लेकिन यह ज्यादा देर तक नहीं चला क्योंकि लियाम लिविंगस्टोन ने 11 गेंदों पर तीन चौकों और एक छक्के की मदद से 23* रन बनाकर इंग्लैंड को 15वें ओवर में जीत दिला दी।


इससे पहले, बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किए जाने के बाद, वेस्टइंडीज को शुरुआती विकेटों से झटका लगा, भले ही इंग्लैंड के गेंदबाज अपनी लाइन में थोड़े भटके हुए थे। पहले दो ओवरों में नौ वाइड फेंकी गईं, जिनमें से आठ साकिब महमूद ने फेंकी। लेकिन उन्होंने ब्रैंडन किंग का विकेट भी लिया, जो 1 रन पर आउट हो गए। एविन लुईस जोफ्रा आर्चर के हाथों गिरे, जिन्होंने अतिरिक्त उछाल वाली गेंद को विकेटकीपर के हाथों में दे मारा। रोस्टन चेज़ ने महमूद के एक ओवर में दो चौके सहित तीन चौके लगाए, लेकिन जल्द ही उसी गेंदबाज़ का शिकार हो गए, जिससे वेस्टइंडीज़ का पावरप्ले 44/3 पर समाप्त हो गया।


इंग्लैंड ने 7वें से 10वें ओवर तक बाउंड्रीज़ को कम करके अच्छा प्रदर्शन किया, जिससे निकोलस पूरन को गति बढ़ाने का प्रयास करना पड़ा। लेकिन ऐसा करने की कोशिश में, वह लिविंगस्टोन की गेंद पर स्टंप आउट हो गए। कीरन पॉवेल ने लिविंगस्टोन की गेंद पर एक बड़ा छक्का लगाया, लेकिन गेंदबाज़ ने शेरफेन रदरफोर्ड को आउट करके अपना दूसरा विकेट लिया, जिसके बाद इंग्लैंड को अपने पक्ष में निर्णय लेने के लिए DRS का उपयोग करना पड़ा। पॉवेल ने इसके बाद आदिल राशिद के एक ओवर में छक्का और चौका लगाया, लेकिन वेस्टइंडीज को 100 का आंकड़ा पार करने में 15 ओवर लग गए।


पॉवेल (41 गेंदों पर 43 रन) की सतर्क पारी का अंत तब हुआ जब डैन मूसली ने स्टंप्स को चकनाचूर करने वाली एक बेहतरीन यॉर्कर डाली। गुडाकेश मोटी और शेफर्ड ने कुछ चौके लगाए, लेकिन राशिद की गेंद पर वह आउट हो गए, जिससे वेस्टइंडीज का स्कोर 18 ओवर में 126/7 हो गया। आखिरी दो ओवर वेस्टइंडीज के लिए अच्छे रहे, क्योंकि सैम कुरेन ने 17 रन दिए और मूसली ने 15 रन दिए, जबकि शेफर्ड और मैथ्यू फोर्ड ने उपयोगी प्रदर्शन किया। हालांकि, बटलर के सामने यह स्कोर अपर्याप्त साबित हुआ, जिन्होंने इंग्लैंड को सीरीज जीतने की अच्छी स्थिति में पहुंचा दिया।


संक्षिप्त स्कोर: वेस्टइंडीज 20 ओवर में 158/8 (रोवमैन पॉवेल 43, रोमारियो शेफर्ड 22; साकिब महमूद 2-20, लियाम लिविंगस्टोन 2-16) इंग्लैंड से 14.5 ओवर में 161/3 (जोस बटलर 83, विल जैक्स 38; रोमारियो शेफर्ड 2-42) से 7 विकेट से हार गया।

मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024

कियाना जोसेफ - अंडरस्टडी से फ्लोटर और फिर ओपनिंग सनसनी

 

जब कोई बल्लेबाज आउट हो जाता है तो कप्तान से शायद ही कोई मुक्का मिले, लेकिन हेले मैथ्यूज जानती थीं कि कियाना जोसेफ की यह पारी हर तरह की तारीफ की हकदार है और उससे भी ज्यादा। दुबई में ग्रुप बी के आखिरी गेम में इंग्लैंड के 141/7 के लक्ष्य का पीछा करते हुए वेस्टइंडीज के लिए आक्रामक 52 रनों की पारी खेलने वाली जोसेफ ने अपनी कप्तान और टीम से कहीं ज्यादा किया। और इस प्रक्रिया में, छह साल के सूखे को खत्म करते हुए, इंग्लैंड को टी20 विश्व कप 2024 से बाहर कर दिया।

वेस्टइंडीज ने आखिरी बार इंग्लैंड को सबसे छोटे प्रारूप में 2018 के घरेलू विश्व कप में हराया था, जहां मैथ्यूज ने लक्ष्य का पीछा करने में एक रन से ज्यादा का योगदान नहीं दिया था और जोसेफ तत्कालीन चैंपियन के साथ अपने शुरुआती असाइनमेंट में ड्रिंक्स लेकर जाने वाली किशोरी थीं। लगातार 13 हार झेलने के बावजूद, वेस्टइंडीज़ ने पूरे विश्वास और संघर्ष के साथ इस प्रतियोगिता में प्रवेश किया। यह विश्वास जोसेफ़ की तत्परता में झलकता था, भले ही मैथ्यूज़, जो अब उनकी कप्तान हैं, को लगा कि आधे रास्ते में कुछ गड़बड़ है।

हमेशा भरोसेमंद नेट साइवर-ब्रंट के अर्धशतक के ज़रिए इंग्लैंड की वापसी का मतलब था कि वेस्टइंडीज़ इस विश्व कप संस्करण में सेमीफाइनल में पहुँचने के लिए रिकॉर्ड लक्ष्य का पीछा कर रहा था। लेकिन जोसेफ़ ने अपने कप्तान को चेंजरूम में आश्वस्त किया, उसके साथ ओपनिंग करने से पहले, कि वह "बस तैयार है"। जब मैथ्यूज़ ने लॉरेन बेल की गेंद पर 14 रन के शुरुआती ओवर में छह सेकंड की गेंद पर पुल शॉट मारा, तो इंग्लैंड ने इस पर ध्यान दिया। हालाँकि, उन्हें अचानक झटका लगा, दूसरे छोर पर युवा जोसेफ़ की हिम्मत ने उन्हें आगाह कर दिया कि वेस्टइंडीज़ का इरादा गंभीर है। इंग्लैंड शायद इस सदमे से कभी उबर नहीं पाया।

उच्चतम स्तर पर पहले तीन वर्षों में, जोसेफ़ के लिए बहुत कम मौके थे। मंगलवार की वीरतापूर्ण जीत से पहले अपनी आठ टी20I पारियों में, ऑलराउंडर निचले क्रम के बल्लेबाज के रूप में शुरुआत करने से - हालांकि बहुत ज़्यादा सफलता नहीं मिली - इस साल की शुरुआत में कराची में 4-1 की सीरीज़ जीत में वेस्टइंडीज़ की सबसे नई ओपनिंग विकल्प बन गई थी। अपनी पावर-हिटिंग क्षमताओं में उल्लेखनीय सुधार देखने के बाद, जोसेफ़ लाइन-अप में एक आदर्श फ्लोटर विकल्प के रूप में उभरीं और उन्हें पहली बार श्रीलंका में 2-1 की सीरीज़ जीत में एक के रूप में तैनात किया गया। दो हफ़्ते पहले दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ विश्व कप के पहले मैच में ओपनिंग का मौक़ा मिलने से पहले ही जोसेफ़ ने खुद को इस भूमिका में ढाल लिया था। हालाँकि, 14 गेंदों में सिर्फ़ चार रन बनाने के संघर्ष से वेस्टइंडीज़ को बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी। "पहला गेम शायद उसके लिए काफी मुश्किल था। और हमने उसे ऑर्डर में नीचे कर दिया, उस समय उसे फ्लोटर के रूप में इस्तेमाल करने का फैसला किया। अगर हम पहले कुछ ओवरों में विकेट खो देते, तो उसे पावर प्ले में खेलने देते। शायद हमें स्कॉटलैंड या बांग्लादेश के खिलाफ़ इसकी ज़रूरत नहीं होती, लेकिन देखिए, वह एक लड़ाकू है और वह टीम की ज़रूरत के हिसाब से कुछ भी करना चाहती है। वह हमेशा टीम की ज़रूरत के हिसाब से कुछ भी करने के लिए तैयार रहती है। इसलिए, हम उसे कह सकते हैं कि वह बल्लेबाजी की शुरुआत करे, हम उसे पाँचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए कह सकते हैं। वह टीम की ज़रूरत के हिसाब से काम करेगी और हर बार लड़ाई के लिए तैयार रहेगी।

"ड्रेसिंग रूम में ऐसे किरदारों का होना बहुत बढ़िया है, खासकर वेस्टइंडीज़ आधारित टीम के लिए जो शायद हमेशा अंडरडॉग होती है। हमें टीम के भीतर लड़ाकू लोगों की ज़रूरत है। और वह इसका एक बेहतरीन उदाहरण है।"

जोसेफ अगले कुछ खेलों में फ्लोटर की भूमिका में वापस आ गई, लेकिन सीनियर ओपनर स्टेफनी टेलर के चोट के कारण इंग्लैंड के खिलाफ़ नहीं खेल पाने के कारण, जोसेफ को पदोन्नति दी गई, जिसके लिए वह पूरी तरह तैयार थी।

38 गेंदों में 52 रन बनाकर, जोसेफ ने अंतर्निहित कैरेबियाई स्वभाव और लड़ाई दोनों का प्रदर्शन किया। यह एक शानदार शुरुआत थी, जिसमें गेंद गली से निकलकर खाली थर्ड मैन क्षेत्र में चली गई और जोसेफ ने चौका लगाकर अपनी शुरुआत की। एक डिलीवरी के बाद, सोफिया डंकले ने रिवर्स-कप कैच का गलत इस्तेमाल किया, जिससे एक और बाउंड्री मिली। अपनी पारी में दो बार गेंद इसी तरह माया बाउचियर के हाथों से निकली, जिसके परिणामस्वरूप फ्रीबीज़ मिले। शानदार शुरुआत से दबाव में आकर, चोटिल हीथर नाइट की जगह खड़ी साइवर-ब्रंट ने अपने स्पिनरों को जल्दी बुलाया, जिन्होंने गेंद को ऑफ के बाहर फेंका और बल्लेबाज़ लाइन के पार हर चीज़ को हैक करते रहे।

जोसेफ ने अपने पूरे प्रवास के दौरान अपने बल्ले को उदारतापूर्वक घुमाया और किस्मत से आज रात को शानदार प्रदर्शन करते हुए, उन्होंने ज़्यादातर मौकों पर कनेक्ट होकर वेस्ट इंडीज़ के टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ पावरप्ले स्कोर - 67/0 - को बनाया, क्योंकि उन्होंने मैथ्यूज के शॉट के साथ बराबरी की। एक बार जब मैदान फैल गया, तो बाउंड्री की आवृत्ति कम हो गई, लेकिन बाएं हाथ की इस बल्लेबाज़ ने 11वें ओवर में 34 गेंदों में अर्धशतक बनाकर अपनी साथी को आसानी से पछाड़ दिया और 68 गेंदों में शतकीय साझेदारी करके इंग्लैंड की हवा पूरी तरह से बंद कर दी।

साइवर-ब्रंट ने आतिशबाज़ी को समाप्त किया - आधा दर्जन चौके और दो अधिकतम रन के लिए रस्सियों के ऊपर से स्लॉग किए - लेकिन जोसेफ ने वेस्टइंडीज को जल्दी विकेट गिरने के झटके को कम करने के लिए ठोस आधार प्रदान करने में अपनी भूमिका निभाई थी। सलामी बल्लेबाज ने तेज गेंदबाजों की 13 गेंदों पर 18 रन बनाए, लेकिन चार्ल्स डीन को क्लीन बोल्ड करके स्पिन आक्रमण का मनोबल वास्तव में कम कर दिया। बाएं हाथ के बल्लेबाज के लिए जो अन्यथा जोखिम भरा मैच हो सकता था, जोसेफ ने ऑफ स्पिनर की छह गेंदों पर 15 रन बनाए, 250 की स्ट्राइक-रेट से।

इंग्लैंड की उदारता से कई बार मदद मिली, उसने उनके प्रशंसित आक्रमण को रोक दिया क्योंकि वेस्टइंडीज ने दो ओवर शेष रहते लक्ष्य का पीछा करते हुए ग्रुप-टॉपर्स के रूप में सेमीफाइनल बर्थ सुरक्षित कर लिया।

मैथ्यूज ने वेस्टइंडीज द्वारा न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में जगह बनाने के बाद कहा, "पिछले एक या दो साल में उसकी गेंद मारने की क्षमता में काफी सुधार हुआ है और इसके लिए कोचों को बधाई, उन्होंने ही पहचाना कि वह गेंद को किस तरह से मार सकती है और उसे बल्लेबाजी क्रम में थोड़ा ऊपर मौका देने का फैसला किया।" "इस साल की शुरुआत में जब हम पाकिस्तान में खेले थे, तब उसने कुछ मैचों में ओपनिंग की थी और हम श्रीलंका सीरीज़ में भी उसे तीसरे नंबर पर पिंच हिटर के तौर पर इस्तेमाल कर रहे थे। इसलिए, मुझे लगता है कि ये सभी चीजें ऐसी हैं जिन्हें आप अब पीछे मुड़कर देखते हैं और पाते हैं कि विश्व कप में आने से पहले यह एक लंबी दौड़ है। यह केवल तब शुरू नहीं होता जब आप यहाँ आते हैं। यह उन सभी छोटी-छोटी चीजों पर निर्भर करता है जो आप विश्व कप से पहले आजमाते समय करते हैं और काम आती हैं।

"मुझे उस पर बहुत गर्व है और जिस तरह से उसने यह सब किया और इंग्लिश अटैक का सामना किया, वह कई लोगों के लिए बहुत मुश्किल है... यह अविश्वसनीय था," कप्तान ने कहा, जिन्होंने खुद एक किशोरी के रूप में वेस्टइंडीज की पहली टी20 विश्व कप जीत की पटकथा लिखी थी, इसी तरह ऑस्ट्रेलिया के कम से कम उम्मीद के मुताबिक विपक्षी टीम पर हमला किया।

एक चुनौतीपूर्ण पीछा की शुरुआत में रास्ता दिखाने के बावजूद, मैथ्यूज ने कहा कि यह जोसेफ का आत्मविश्वास था जिसने उन पर भी असर डाला और अब इंग्लैंड के खिलाफ उनके पहले अर्धशतक में प्रकट हुआ।

"हाँ, मुझे लगता है कि बाहर जाना हमने शायद पहले छह ओवर में 60 [67/0] रन बनाने की कल्पना नहीं की थी। लेकिन व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए पहली गेंद से ही मैंने पाया कि गेंद फिसल रही थी और मुझे यह पसंद आया। कियाना की भूमिका बस एक ही है - हमें अच्छी शुरुआत दिलाना। उसके पास अद्भुत हाथ-आंख समन्वय है कि जब आप अच्छे विकेट पर उसके हाफ में आते हैं, तो वह वास्तव में एक खतरनाक खिलाड़ी होती है।

"मेरी भूमिका शायद उतनी आक्रामक नहीं थी जितनी मैं थी। मैंने पाया कि मुझे उस समय जो चल रहा था वह पसंद था और मेरा एड्रेनालाईन बढ़ गया और मैंने दबाव बनाए रखा, लेकिन मुझे लगता है कि जब आपके पास दूसरे छोर पर कोई ऐसा खिलाड़ी होता है जो अच्छा खेलता है तो यह आसान हो जाता है। इसलिए, जिस तरह से मैं बल्लेबाजी करने में सक्षम थी, उसके लिए वह भी बहुत बधाई की पात्र है और जिस तरह से वह खेल पाई," उन्होंने आगे कहा।

जब वेस्टइंडीज ने दुबई में अपने ग्रुप चरण को समाप्त किया, संयोग से उसी पिच पर, जोसेफ ने एक ऐसी पारी खेली जो आसानी से उनके टी20I इतिहास की सबसे बेहतरीन पारियों में से एक मानी जाएगी। कौन जानता है, हो सकता है कि रविवार को शारजाह के रास्ते दुबई में उसकी नवजात कहानी का एक और अध्याय लिखा जाए।


भारत का भ्रमित अभियान: भ्रमित करने वाले संयोजन और धीमी शुरुआत

 


टीम के यूएई रवाना होने से पहले, जब हरमनप्रीत कौर ने घोषणा की कि यह भारत की कप्तान के रूप में अपने सभी वर्षों में टी20 विश्व कप में ले जाने वाली सर्वश्रेष्ठ भारतीय टीम है, तो इस पर संदेह करने का कोई कारण नहीं था। टीम ने अभूतपूर्व निरंतरता देखी है, भले ही उसने दीर्घकालिक भविष्य की संभावनाओं के बदले कुछ अनुभवी खिलाड़ियों के साथ समझौता किया हो। इस चक्र में उनके परिणाम सामने आए - 25 मैचों में 16 जीत, इस विश्व कप के लिए सीधे क्वालीफाई करने वाली टीमों में इंग्लैंड के 24 मैचों में 18 जीत के बाद दूसरे स्थान पर। और उनके पास हिम्मत थी।


मुख्य कोच अमोल मजूमदार के समर्थन में शब्दों में, भारत "किसी भी चीज़ और हर चीज़ के लिए पूरी तरह से तैयार था।" लेकिन यूएई में आखिरकार जो कुछ सामने आया, उससे यह स्पष्ट हो गया कि यह कथन सत्य से बहुत दूर हो सकता है। कुछ अंतराल थे जिनका न्यूजीलैंड ने फायदा उठाया और चुपके से भारत की विश्व कप की उम्मीदों को पहले ही दिन चकनाचूर कर दिया। इसके बाद से, हरमनप्रीत और उनकी टीम केवल पीछे रह गई।


अग्रणी समय में खेल-समय की कमी


भारत की विश्व कप की तैयारी में दो अलग-अलग शिविर शामिल थे, एक क्षेत्ररक्षण और फिटनेस पर केंद्रित था और दूसरा कौशल पर केंद्रित था, जिसके किनारे पर आयु-समूह के लड़कों की अकादमी टीमों के पांच इंट्रा-स्क्वाड खेल थे। पिच और मौसम की स्थिति का अनुकरण किया गया था, हालांकि इससे मैच की स्थितियों में अंडर-लाइट्स फील्डिंग में सुधार के परीक्षण की बहुत कम गुंजाइश थी।


भले ही प्रबंधन अपनी तैयारी से बहुत संतुष्ट था, लेकिन कुछ अन्य टीमों की तुलना में यह उच्च-दांव प्रतियोगिता से पहले शायद ही आदर्श था। इंग्लैंड ने दो सप्ताह के लिए अबू धाबी में शिविर लगाया - टूर्नामेंट को यूएई में स्थानांतरित करने से महीनों पहले ही योजना बना ली गई थी। वेस्टइंडीज और स्कॉटलैंड समय से दो सप्ताह पहले दुबई पहुंचे। दक्षिण अफ्रीका ने पाकिस्तान में एक तैयारी श्रृंखला निर्धारित की, और न्यूजीलैंड ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खुद को चुनौती दी। तुलनात्मक रूप से, भारत का आखिरी प्रतिस्पर्धी खेल जुलाई में एशिया कप फाइनल था - एक ऐसा अभियान जो बड़ी चिंताओं का पूर्वाभास करा रहा था।


नंबर 3 रूले फीट टीम संयोजन


10 महीनों में जब से मुजुमदार ने कमान संभाली है, भारत ने नंबर 3 पर पांच अलग-अलग उम्मीदवारों को आजमाया है, जिससे कुछ ऐसा तय हुआ है जो शायद कभी नहीं टूटा था। और फिर अपने XI को संतुलित करने के लिए छह उचित चार-ओवर के गेंदबाजों के साथ अंतिम प्रयास में, जिनमें से कम से कम एक को शीर्ष छह में समायोजित किया जाना था, हरमनप्रीत भारत की नंबर 3 पहेली का जवाब बनकर उभरीं। इस विचार में दम था, लेकिन आखिरी समय में किए गए इस कदम ने भारतीय कप्तान को अनुकूलन के लिए केवल दो अभ्यास खेलों का समय दिया। हर दूसरे गेम में, जेमिमा रोड्रिग्स ने नंबर 3 की भूमिका को दोहराया जब भारत पर तेजी से रन बनाने का दबाव था। अपने श्रेय के लिए, हरमनप्रीत ने प्रतियोगिता के तीसरे सबसे बड़े स्कोरर के रूप में ग्रुप चरणों को समाप्त किया। लेकिन भारत की इस थ्योरी में दृढ़ता की कमी तब स्पष्ट हो गई जब उप-कप्तान स्मृति मंधाना ने स्पष्ट किया कि 'परिस्थितियां, विरोध और लक्ष्य' अभी भी उनके बल्लेबाजी क्रम के प्रवाह को निर्धारित कर रहे थे।


भ्रमित करने वाला टीम चयन


विश्व कप की शुरुआत में ही यह बात स्थापित हो गई थी कि भारत 5-1-5 टीम संयोजन पर अड़ा हुआ था - अपने शीर्ष छह में उनका आत्मविश्वास इतना अधिक था। कागज पर, भारत की शुरुआती एकादश में नंबर 10 तक बल्लेबाजी की गहराई थी जिसमें गेंदबाजी-ऑलराउंडर - तेज या स्पिन - शामिल थे, जिन्होंने कौशल शिविर में समर्पित बल्लेबाजी सत्र किए थे। उसी एकादश में छह फ्रंटलाइन गेंदबाजी विकल्प भी थे, साथ ही उनके शीर्ष पांच में अंशकालिक ऑफ स्पिनर भी थे।


हालांकि, यूएई की उड़ान में सवार स्पिनरों की अधिकता के बावजूद, भारत के आक्रमण में विविधता की कमी थी। बाएं हाथ की स्पिनर राधा यादव - जो एक बेहतरीन फील्डर और निचले क्रम की बल्लेबाज भी हैं - पांच महीने पहले बांग्लादेश श्रृंखला में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज थीं, लेकिन चोट/कार्यभार की चिंता होने तक उन्हें केवल ड्रिंक्स ले जाने के लिए कहा गया था। श्रीलंका के खिलाफ भारत के 172 रनों के बचाव में अर्धशतक जड़ने वाली हरमनप्रीत की जगह वह पहली बार मैदान में उतरीं और डाइविंग कैच लेकर तुरंत प्रभाव छोड़ा। टॉस के बाद लेग स्पिनर आशा शोभना के घुटने में चोट के बिना, राधा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी नहीं खेल पातीं। जब पूजा वस्त्राकर को दो मैचों के लिए बाहर रखा गया, तो भारत ने एस सजाना के रूप में एक और अंशकालिक ऑफ स्पिनर के साथ अपने आक्रमण का बीड़ा उठा लिया - एक विकल्प जिसका कभी उपयोग नहीं किया गया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ स्पिन के अनुकूल शारजाह में वस्त्राकर की फिर से फिट होने की वापसी का बचाव करते हुए, मजूमदार ने टॉस के समय चुनी गई लाइन-अप को 15 खिलाड़ियों की टीम में सर्वश्रेष्ठ एकादश बताया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि कहीं न कहीं राधा को चयन क्रम में नीचे गिराया गया और बाएं हाथ की स्पिनर को केवल रिजर्व खिलाड़ियों में रखा गया।


दूसरे गियर में शुरुआत

न्यूजीलैंड ने इस पूरे विश्व कप चक्र में भारत का सामना नहीं किया था, फिर भी अपने 'पूल ऑफ डेथ' में दो सबसे मजबूत सेमीफाइनल दावेदारों में से कमज़ोर के खिलाफ़ उनकी तैयारी और होमवर्क इतना सटीक था कि भारत की नींद उड़ गई। तीनों विभागों में उनके प्रदर्शन ने उन्हें निराश किया, और हमेशा एक वर्चुअल शूट-आउट में 58 रन की बड़ी हार ने भारत की संभावनाओं को काफी हद तक कम कर दिया।

अगर वे पहले गेम में असावधान थे, तो भारत दूसरे गेम में कभी भी अपने खोल से बाहर नहीं निकल पाया। पाकिस्तान के खिलाफ़ 106 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए, उन्होंने आक्रामकता पर सावधानी को प्राथमिकता दी, और टूर्नामेंट में अपने पहले अंक हासिल किए, बजाय इसके कि वे पूरी ताकत से खेलें। बाउंड्रीलेस पावरप्ले ने एक दुखद तस्वीर पेश की और उनकी बल्लेबाजी दृष्टिकोण सवालों के घेरे में आ गया। एक ऐसे टूर्नामेंट में जहां लक्ष्य का पीछा करने वाली टीमें औसतन 8 विकेट और 30 गेंद शेष रहते जीत रही हैं, भारत की अंतिम ओवर में छह विकेट की जीत ने बहुत कुछ वांछित छोड़ दिया। खेल के प्रति जागरूकता, खास तौर पर निचले मध्यक्रम की कम परखी हुई टीम की, बाद में घातक हार में आलोचना का सामना करना पड़ा।

बेचारे श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने बेहतर प्रदर्शन करने का वादा करने के बाद अपना सबसे बेहतरीन खेल दिखाया, लेकिन शारजाह में रोशनी में 150 से अधिक रन के लक्ष्य का पीछा करने के दौरान धीमी शुरुआत के साथ यह सब खत्म हो गया। बैकएंड पर 32 रन पर 6 विकेट गिरने के बाद हरमनप्रीत को सहारे की जरूरत थी, जो दोनों के बीच बने हुए अंतर की एक और क्रूर याद दिलाता है।

फील्डिंग में काफी सुधार की जरूरत है

अपने पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस से लेकर हाल ही में, मुजुमदार ने भारत के फील्डिंग और फिटनेस मानकों पर सवाल उठाए हैं - जिसकी स्थिति तब से "प्रगतिशील" बनी हुई है। घर पर 15-दिवसीय शिविर खिलाड़ियों की एथलेटिक क्षमता, चपलता, कोण-काटने, उच्च-कैचिंग और सामान्य फिटनेस पर ध्यान केंद्रित करने के लिए डिज़ाइन किया गया था, जिसमें दिनचर्या में योग सत्र के अलावा अन्य चीजें भी शामिल की गई थीं। हालांकि ग्राउंड फील्डिंग में कुछ उल्लेखनीय सुधार हुआ है, लेकिन कैचिंग चिंता का विषय बनी हुई है, क्योंकि भारत ने अपने चार मैचों में से प्रत्येक में औसतन तीन मौके गंवाए हैं। अगर भारत को वह मायावी सिल्वरवेयर चाहिए, तो सख्त मिसाल कायम करने की तत्काल आवश्यकता है, मैदान पर आलसी पैरों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।

आगे का रास्ता

ऐसे अभियान को संशोधित या सुधारने के लिए कोई जादुई औषधि नहीं है जो वास्तव में कभी शुरू ही न हो। और उत्तराधिकार योजना, या उसके अभाव पर सवाल, इसके बाद अपरिहार्य हैं। WPL 2024 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के पुनरुत्थान का नेतृत्व करने वाली स्मृति मंधाना, इन सभी वर्षों में हरमनप्रीत की डिप्टी रही हैं, जिन्होंने 2016 में घरेलू विश्व कप से इसी तरह शर्मनाक तरीके से बाहर होने के बाद टीम की कमान संभाली थी। अगर भारत अप्रत्याशित रूप से आगे की ओर देखने वाला दृष्टिकोण अपनाता है, तो रॉड्रिक्स, जो दो WPL सीज़न के लिए मेग लैनिंग के अधीन काम कर रहे हैं, एक योग्य दावेदार हो सकते हैं।

चार विश्व कप में कप्तान के रूप में हरमनप्रीत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन ऑस्ट्रेलिया में उपविजेता पदक और उसके बाद राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने इस सेट-अप में फिटर ब्लड, नए विचारों और साझा जिम्मेदारी के लिए जोरदार ढंग से - कभी-कभी विवादास्पद रूप से - आवाज उठाई थी, और अपने साथियों से हाथ मिलाने का आग्रह किया था, हाल ही में शारजाह में बाहर होने के बाद। हरमनप्रीत का नाम अब तक के नौ टी20 विश्व कप में से प्रत्येक में खेलने वाले छह खिलाड़ियों की कुलीन सूची में शामिल है, और यह इस बात का प्रमाण है कि वह इस प्रारूप में लंबे समय तक खेलती रही है जो इतनी तेज़ी से विकसित हो रहा है। किसी भी तरह से वह एक बेकार ताकत नहीं है - कम से कम टी20 क्रिकेट में तो बिल्कुल नहीं। हालांकि, बड़ी तस्वीर और अगले साल होने वाले घरेलू वनडे विश्व कप को देखते हुए, भारत के लिए बेहतर होगा कि उसे अतिरिक्त जिम्मेदारियों से मुक्त किया जाए और उसे उस स्वतंत्रता के साथ खेलने दिया जाए जिसकी मांग सफेद गेंद वाले क्रिकेट में है।


इंग्लैंड के दुबई जाने से सेमीफाइनल की जगह दांव पर

 


यह ग्रुप स्टेज का आखिरी मैच है और ग्रुप बी के सेमीफाइनलिस्ट अभी तय नहीं हुए हैं, इंग्लैंड-वेस्टइंडीज के बीच मुकाबला एक साफ तस्वीर पेश करेगा। वेस्टइंडीज को सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए जीत की जरूरत है, और वे अपने बेहतर नेट रन रेट को देखते हुए ग्रुप में शीर्ष पर भी रह सकते हैं। दक्षिण अफ्रीका वेस्टइंडीज की हार या इंग्लैंड की बड़ी हार की उम्मीद कर रहा होगा, जिससे हीथर नाइट की अगुआई वाली टीम के एनआरआर पर काफी असर पड़ सकता है और वे तीसरे स्थान पर पहुंच सकते हैं। नतीजा जो भी हो, दुबई में यह एक बड़ा मुकाबला है।


इंग्लैंड अब तक प्रतियोगिता में अपराजित रहा है और लगातार सातवीं बार सेमीफाइनल में प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए इसी लय को जारी रखना चाहेगा। बांग्लादेश ने पहले मैच में उन्हें कड़ी टक्कर दी थी, लेकिन उसके बाद से इंग्लैंड ने शानदार प्रदर्शन किया है, दक्षिण अफ्रीका को आसानी से हराया और फिर स्कॉटलैंड को 10 विकेट और 10 ओवर शेष रहते 110 रन के लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लिया। डेनियल व्याट-हॉज, नैट साइवर-ब्रंट और मैया बाउचियर जैसे बल्लेबाजों ने उनकी बल्लेबाजी की अगुआई की है, जबकि उनके सभी गेंदबाजों ने इस खेल में एक अच्छी तरह से तैयार मशीन के रूप में प्रवेश किया है, जिसमें सभी विभाग घड़ी की तरह काम कर रहे हैं।


दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना पहला मैच 10 विकेट से हारने के बाद वेस्टइंडीज ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है। स्कॉटलैंड के खिलाफ 100 रनों का पीछा करने के लिए उन्होंने 11.4 ओवर लिए, इसके बाद बांग्लादेश के खिलाफ भी उन्होंने 12.5 ओवर में 104 रनों का लक्ष्य हासिल किया। कप्तान हेली मैथ्यूज पहले दो मैचों में बल्ले से नहीं खेल पाईं, लेकिन बांग्लादेश के खिलाफ 22 गेंदों में 34 रन बनाकर उन्होंने फॉर्म में वापसी की। अनुभवी डिएंड्रा डॉटिन रन बनाने वालों में शामिल हैं और इंग्लैंड के खिलाफ अहम मुकाबले में उनकी भूमिका अहम होगी। गेंदबाजों में स्पिनर एफी फ्लेचर और करिश्मा रामहरैक ने वेस्टइंडीज के लिए अच्छा प्रदर्शन किया है और 2018 के बाद से पहली बार सेमीफाइनल में प्रवेश करने वाली कैरेबियाई टीम के लिए यह महत्वपूर्ण होगा।


कब: मैच 20, मंगलवार, 15 अक्टूबर को स्थानीय समयानुसार शाम 6:00 बजे


कहाँ: दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम


क्या उम्मीद करें: यह इस विश्व कप में दुबई में इंग्लैंड का पहला मैच होगा, जो वेस्टइंडीज को थोड़ी बढ़त दिला सकता है क्योंकि उन्होंने यहाँ दो मैच खेले हैं। यहाँ पिछले तीन मैचों में, लक्ष्य का पीछा करने वाली टीमों ने दो बार जीत हासिल की है जबकि न्यूजीलैंड का पाकिस्तान के खिलाफ पहली पारी का कुल स्कोर 110 रन है, जिसका उन्होंने बचाव किया, जो पहली पारी का सर्वोच्च स्कोर है। इस मैच में भी गेंदबाजों का अहम योगदान रहने की उम्मीद है।


टीम समाचार:


इंग्लैंड: स्कॉटलैंड के खिलाफ मैच से पहले एलिस कैप्सी अस्वस्थ थीं और उनकी जगह सोफिया डंकले को लिया गया जबकि लिंसे स्मिथ की जगह लॉरेन बेल को शामिल किया गया। अगर वह ठीक हो जाती हैं, तो कैप्सी को वापस आना चाहिए जबकि अगर इंग्लैंड को अतिरिक्त स्पिन विकल्प की आवश्यकता होती है तो बेल वापस आ सकती हैं।


संभावित एकादश: माया बाउचियर, डेनियल वायट-हॉज, नैट साइवर-ब्रंट, हीथर नाइट (कप्तान), एलिस कैप्सी, एमी जोन्स (विकेट कीपर), डेनियल गिब्सन, चार्लोट डीन, सोफी एक्लेस्टोन, सारा ग्लेन, लिंसी स्मिथ


वेस्टइंडीज: बांग्लादेश के खिलाफ मैच में स्टेफनी टेलर को 29 गेंदों पर 27 रन बनाने के बाद चोटिल होकर मैदान छोड़ना पड़ा। मैथ्यूज ने बाद में खुलासा किया कि टेलर घुटने की समस्या से जूझ रही हैं और वेस्टइंडीज की खेल में आरामदायक स्थिति को देखते हुए, टेलर शायद एहतियात के तौर पर मैदान से बाहर चली गईं। वेस्टइंडीज शायद उसी एकादश के साथ खेलती रहे।


संभावित XI: हेले मैथ्यूज (कप्तान), स्टेफनी टेलर, कियाना जोसेफ, शमीन कैम्पबेल (विकेट कीपर), डिएंड्रा डॉटिन, चिनेल हेनरी, आलियाह एलीने, मैंडी मंगरू, एफी फ्लेचर, अश्मिनी मुनिसार, करिश्मा रामहरैक


उन्होंने क्या कहा:

"मुझे लगता है कि यह बहुत रोमांचक है। मुझे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के खिलाफ खेलना पसंद है और जब हम एक-दूसरे के खिलाफ खेलते हैं तो मेरे और डिएंड्रा के बीच बहुत अच्छी लड़ाई होती है क्योंकि हम ऐसे लोग हैं जो एक-दूसरे से आगे निकलना चाहते हैं क्योंकि हम एक-दूसरे के खिलाफ अक्सर खेलते हैं और एक-दूसरे के साथ एक ही टीम में खेलते हैं। इसलिए, मुझे लगता है कि यह बहुत रोमांचक है। मैं आज रात से देखना शुरू करूंगी कि वे अपने काम कैसे करते हैं लेकिन मैं उन पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित नहीं करने जा रही हूं और जिस तरह से मैं काम कर रही हूं, उसी तरह से काम करूंगी" - सोफी एक्लेस्टोन, वेस्टइंडीज के खिलाफ खेलने पर।


मुझे लगता है कि पहली हार के बाद हमने इस बारे में बहुत बात की कि हम कैसे वापसी करना चाहते हैं और एक टीम के रूप में हम इसे कैसे करना चाहते हैं और मुझे लगता है कि उस पल से हर कोई चुनौती के लिए तैयार था। जाहिर है कि विश्व कप में आप शुरुआत में ही एक गेम हार जाते हैं, इससे दबाव तो पड़ता ही है, लेकिन मुझे लगता है कि जिस तरह से टीम ने दबाव को संभाला है, वह शानदार रहा है और हर कोई अच्छे मूड में है, हर कोई अच्छे मूड में है और मुझे लगता है कि हर कोई चुनौती के लिए तैयार है, यही सबसे बड़ी बात है" - हेले मैथ्यूज, इस विश्व कप में वेस्टइंडीज के प्रदर्शन पर।

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