📍 हेडिंग्ले की एक शांत दोपहर
💔 एक चूक, एक शंका और फिर एक सहारा
यह वह पल था जिसे कैमरे भी शायद ठीक से नहीं पकड़ पाए।
यशस्वी जायसवाल ने हेनरी ब्रुक का आसान कैच स्लिप में छोड़ दिया। पहले भी दो मौके चूक चुके थे, आत्मविश्वास डगमगा रहा था।
ड्रिंक्स ब्रेक में वह अकेले खड़े थे, पछतावे और आत्म-विश्लेषण में डूबे हुए।
और फिर...
रविंद्र जडेजा चुपचाप आए, कंधे पर हाथ रखा, और साथ-साथ वापस फील्डिंग पॉजिशन की ओर चले गए।
👨👦 एक बदलाव, दो कहानियाँ
यह सिर्फ एक सीन नहीं था —
यह दर्शाता है भारतीय टीम का संक्रमण, और
रविंद्र जडेजा का नया अवतार।
⚡ पहले:
जडेजा, विराट, रोहित और अश्विन की चौकड़ी में 'रॉकस्टार' थे।
🧘 अब:
वह एक शांत, अनुभवी मार्गदर्शक हैं — नए खिलाड़ियों के लिए बड़े भाई।
🏥 जब लगता था जडेजा का टेस्ट करियर खत्म हो जाएगा...
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2022 मोहाली में 175* और 9 विकेट — करियर की सबसे शानदार टेस्ट परफॉर्मेंस
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लेकिन घुटने ने जवाब दे दिया।
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एशिया कप से बाहर, सर्जरी, और T20 वर्ल्ड कप भी मिस किया।
🩺 आधे साल तक मैदान से दूर —
कई करियर ऐसे पड़ाव पर थम जाते हैं।
🚀 ...लेकिन जडेजा वापस आए जैसे कुछ हुआ ही नहीं
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चेन्नई की गर्मी में रणजी ट्रॉफी में 7 विकेट
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फिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नागपुर टेस्ट में 'प्लेयर ऑफ द मैच'
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और तब से अब तक टीम का अटूट हिस्सा बने हुए हैं।
💬 "कप्तानी का वक्त चला गया" – जडेजा
एजबेस्टन में जब उनसे पूछा गया कि क्या वो टेस्ट कप्तानी की सोचते हैं —
वे हँस पड़े और बोले:“वो समय चला गया।”
🙌 लेकिन अब जो भूमिका है, वो कहीं ज़्यादा बड़ी है: एक मेंटर, एक संयम का प्रतीक🧠 जडेजा अब एक ऑलराउंडर नहीं, एक फिनिशर, एक संकटमोचक हैं
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वह अकेले बल्लेबाज़ के तौर पर भी टीम में जगह बना सकते हैं
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इंग्लैंड दौरे में नंबर 5 पर प्रमोट किए गए थे
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एजबेस्टन में शतक भी जड़ा
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अब नीतीश रेड्डी जैसे युवाओं को ऊपर भेजकर खुद नंबर 7 पर बल्लेबाज़ी करने को तैयार
और फिर वही… शुभमन गिल के साथ 203 रन की साझेदारी
जब भारत 210/5 पर डगमगाता दिख रहा था,
जडेजा फिर से संभालने वाले बने।🧾 निष्कर्ष: जडेजा – एक आदत, एक स्थिरता, एक प्रेरणा
इस युवा भारतीय टीम में:
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कप्तान युवा (गिल)
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बल्लेबाज़ युवा (जायसवाल, रेड्डी, साई सुधर्शन)
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लेकिन मजबूत आधार जडेजा जैसा कोई ही बना सकता है
वो अब सिर्फ गेंद और बल्ले से नहीं,
बल्कि मौन सहारे, अनुभव के शब्दों और शांत आत्मविश्वास से टीम को आगे ले जा रहे हैं।-
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