मंगलवार, 10 जून 2025

निकोलस पूरन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया:

 कहा- यह फैसला लेना बहुत मुश्किल था, टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में वेस्टइंडीज के शीर्ष स्कोरर


वेस्टइंडीज के विकेटकीपर-बल्लेबाज निकोलस पूरन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। उन्होंने 29 साल की उम्र में यह फैसला लिया। पूरन वेस्टइंडीज के लिए टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं।


उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह फैसला लेना बहुत मुश्किल था, लेकिन उन्होंने काफी सोच-विचार के बाद यह फैसला लिया है।


उन्होंने वेस्टइंडीज के लिए अपना आखिरी वनडे जुलाई 2023 में श्रीलंका के खिलाफ खेला था। वहीं, उन्होंने अपना आखिरी टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच दिसंबर 2024 में बांग्लादेश के खिलाफ खेला था।


इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट करते हुए पूरन ने लिखा, "मेरे लिए मैरून जर्सी पहनना, राष्ट्रगान के लिए खड़ा होना और मैदान पर हर समय अपना सर्वश्रेष्ठ देना, यह शब्दों में बयां करना मुश्किल है।" उन्होंने आगे लिखा, "टीम का कप्तान बनना मेरे लिए सम्मान की बात है जिसे मैं हमेशा अपने दिल के करीब रखूंगा।"


2016 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण

पूरन ने 2016 में दुबई में पाकिस्तान के खिलाफ वेस्टइंडीज के लिए टी20 खेलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। तीन साल बाद, उन्होंने बारबाडोस के ब्रिजटाउन में इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला वनडे खेला।


106 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 2,275 रन बनाए

पूरन ने वेस्टइंडीज के लिए 61 वनडे और 106 टी20 मैच खेले। 61 वनडे मैचों में उन्होंने 39.66 की औसत और 99.15 की स्ट्राइक रेट से 1983 रन बनाए। उन्होंने इस प्रारूप में 11 अर्धशतक और 3 शतक बनाए। उन्होंने 2019 विश्व कप में वेस्टइंडीज का प्रतिनिधित्व भी किया।


पूरन को अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान कभी टेस्ट मैच खेलने का मौका नहीं मिला। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद अब वह दुनिया भर की टी20 लीग में खेलते नजर आएंगे।


4 मैचों के लिए सस्पेंड

पूरन का करियर उतार-चढ़ाव से भरा रहा। 2019 में उन्हें अफगानिस्तान के खिलाफ बॉल टैंपरिंग के आरोप में 4 मैचों के लिए सस्पेंड भी किया गया था। हालांकि, उन्होंने जल्द ही वापसी की और टीम की कमान भी संभाली। उनकी कप्तानी में वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया को 4-1 से हराया। 2022 में उन्हें व्हाइट-बॉल टीम का कप्तान बनाया गया। लेकिन ऑस्ट्रेलिया में हुए टी20 वर्ल्ड कप में टीम के खराब प्रदर्शन के बाद उन्होंने कप्तानी छोड़ दी।

कंपनी ने आरसीबी को बेचने की खबरों का खंडन किया:

 कहा- ऐसी कोई बातचीत नहीं चल रही, 17 हजार करोड़ के सौदे का दावा किया गया

मैकडॉवेल्स व्हिस्की बनाने वाली कंपनी यूनाइटेड स्पिरिट्स ने आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) को बेचने की खबरों का खंडन किया है।

कंपनी ने कहा- हम यह कहना चाहेंगे कि आरसीबी में हिस्सेदारी बेचने की खबरें पूरी तरह अटकलों पर आधारित हैं। कंपनी ऐसी किसी चर्चा में नहीं है।

इससे पहले ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि यूनाइटेड स्पिरिट्स (यूएसएल) आरसीबी को 2 बिलियन डॉलर यानी करीब 17 हजार करोड़ रुपये में बेचने पर विचार कर रही है।

यूएसएल पहले विजय माल्या की कंपनी थी। जब माल्या दिवालिया हो गए तो इसे ब्रिटिश शराब कंपनी डियाजियो ने खरीद लिया। डियाजियो आरसीबी की मालिक बन गई।
शराब कारोबार पर फोकस करने का दावा
दावा किया जा रहा था कि आरसीबी डियाजियो के मुख्य शराब कारोबार से अलग है। इसे बेचकर डियाजियो सिर्फ अपने शराब कारोबार पर फोकस करना चाहती है।

यह भी कहा जा रहा था कि आरसीबी ने हाल ही में 2025 में अपनी पहली आईपीएल ट्रॉफी जीती है। इससे आरसीबी का कमर्शियल वैल्यूएशन बढ़ गया है। यह बेचने का सही समय हो सकता है।

इसके अलावा यह भी चर्चा थी कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय आईपीएल जैसे बड़े खेल आयोजनों में शराब और तंबाकू के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष विज्ञापनों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहा है। ऐसे में डियाजियो खुद को आईपीएल से अलग करना चाहता है।

यह आईपीएल के इतिहास की सबसे बड़ी डील होती

अगर डियाजियो आरसीबी को बेचने का फैसला करता तो यह आईपीएल के इतिहास की सबसे बड़ी डील होती। 2021 में जब आईपीएल में दो नई टीमें लखनऊ सुपर जायंट्स और गुजरात टाइटन्स शामिल हुईं तो लखनऊ को आरपीएसजी ग्रुप ने 7,090 करोड़ रुपये और गुजरात को सीवीसी कैपिटल ने 5,625 करोड़ रुपये में खरीदा। ये अब तक की सबसे बड़ी फ्रेंचाइजी खरीद डील हैं।

आरसीबी का 2 बिलियन डॉलर यानी करीब 17,000 करोड़ रुपये का मूल्यांकन लखनऊ सुपर जायंट्स और गुजरात टाइटन्स की खरीद से कहीं ज़्यादा है।

ब्रिटिश कंपनी ने आरसीबी को विजय माल्या से खरीदा

पहले इस टीम के मालिक शराब कारोबारी विजय माल्या थे, लेकिन 2016 में जब माल्या मुश्किल में फंस गए तो डियाजियो ने उनकी शराब कंपनी के साथ आरसीबी को खरीद लिया।

2008 में विजय माल्या ने आरसीबी को 11.6 मिलियन डॉलर में खरीदा था। उस समय यह रकम करीब 476 करोड़ रुपये थी। उस समय यह आईपीएल की दूसरी सबसे महंगी टीम थी। माल्या अपनी कंपनी यूएसएल के ज़रिए आरसीबी के मालिक थे।

2014 में डियाजियो ने यूएसएल में बहुलांश हिस्सेदारी खरीदी और 2016 तक माल्या के जाने के बाद डियाजियो ने आरसीबी का पूरा स्वामित्व अपने हाथ में ले लिया। आरसीबी का प्रबंधन फिलहाल यूएसएल की सब्सिडियरी रॉयल चैलेंजर्स स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (आरसीएसपीएल) करती है।





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